साइकोलॉजी के अनुसार बच्चों को पढ़ाई में कमजोर बनाती हैं ये 10 आदतें
By Mahima Sharan18, Dec 2024 06:45 PMjagranjosh.com
पढ़ने की खराब आदतें
हम सभी की पढ़ने का तरीका अलग-अलग होता है। कुछ आदतें छात्रों के शिक्षा की सीढ़ी पर आगे लेकर जाती हैं, वहीं कुछ बच्चे अपनी ही आदतों के कारण परेशानियों में उपलक्ष कर रह जाते हैं। आज हम आपको छात्रों के उन आदतों के बारे में बताएंगे, जो उन्हें दिन व दिन पढ़ाई में कमजोर बनाते हैं-
रटना
सबसे पहली गलती जो छात्र करते हैं, वो है किसी कॉन्सेप्ट को रटना। हो सकता है कि रटने से आपको चीजें याद हो जाएं, लेकिन यह निश्चित है कि आप जल्द ही उस कॉन्सेप्ट को भुल सकते हैं। ज्यादातर बच्चों को आपने यह कहते हुए सुना होगा कि उन्हें सारे जवाब आते थे, लेकिन परीक्षा के वक्त वे भुल गए। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आप जवाब को रटते हैं। छात्रों को कॉन्सेप्ट को प्रैक्टिकली समझने की कोशिश करनी चाहिए। जब आप किसी चीज को लॉजिक के साथ समझते हैं, तब आप कभी भी उस चीज को भूल नहीं सकते।
मल्टीटास्किंग
आज के समय में मल्टीटास्किंग बेहद ही कुल लगें, लेकिन यह आपकी प्रोडक्टिविटी को खराब करती है। छात्रों को एक समय में एक ही चीज पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। एक समय पर एक से अधिक चीजों पर ध्यान देने से पूरी संभावना होती है कि आप दोनों ही कामों में गड़बड़ी करें। ऐसा करने से आपका एक भी काम परफेक्ट तरीके से नहीं होता, इसलिए एक वक्त पर एक ही कार्य को प्राथमिकता देनी चाहिए।
गाने सुनकर पढ़ना
आपने अक्सर कुछ बच्चों को कहते हुए सुना होगा कि वे पढ़ाई करते वक्त गाने सुनते हैं, क्योंकि इससे उनका मन लगा रहता है। हालांकि छात्रों के लिए यह अच्छी आदत नहीं हैं। गाने सुनना अच्छा है, क्योंकि इससे आपका दिमाग फ्रेश रहता हैं, लेकिन पढ़ते वक्त गाने सुनने के कारण आपका ध्यान भटकता है, जिसके कारण आप सही तरीके से पढ़ाई नहीं कर पातें।
क्लास छोड़ना
अगर आप क्लास में नहीं जाते हैं, तो आप कई घंटे नोट्स कॉपी करने और दोस्तों से छूटे हुए पाठों के बारे में पूछने में बिताएंगे। हर क्लास में शामिल होने के लिए बहुत अनुशासन और दृढ़ संकल्प की आवश्यकता होती है, लेकिन अगर आप नियमित रूप से क्लास छोड़ते हैं, तो आपको पाठ को शुरू से पढ़ना और सीखना होगा, जिससे आपके लिए बेहतर ग्रेड प्राप्त करना कठिन हो जाएगा।
नोट्स न बनाना
पढ़ने का सबसे बेस्ट तरीका है नोट्स तैयार करना। नोट्स आपको कई तरीके से मदद करता है। जब आप नोट्स बनाते हैं, तब आपको महत्वपूर्ण बिंदुओं को जानने का मौका मिलता है। कुछ बच्चों की आदत होती हैं कि वे बिना नोट्स बनाए हर टॉपिक को लगातार पढ़ते जाते हैं, जिससे उन्हें उस समय पर सब कुछ आसान लगता है, लेकिन बाद में वे कॉन्सेप्ट के बीच कंफ्यूज हो जाते हैं।
पढ़ाई के दौरान सोशल मीडिया का उपयोग करना
इस डिजिटल युग में, लोगों को जहां भी वे हों, अपने स्मार्टफोन से चिपके हुए देखना आम बात है। कुछ लोग FOMO के कारण अपने सोशल मीडिया अकाउंट ब्राउज़ कर सकते हैं। अपने कंप्यूटर या लैपटॉप ब्राउज़र से अपने Facebook, Twitter, Instagram या Snapchat के सभी टैब बंद करना छात्रों के लिए बेहद ही जरूरी है। स्टूडेंट्स लाइफ में स्मार्टफोन और सोशल मीडिया किसी दुश्मन से कम नहीं हैं।
एक्टिव तरीके से न पढ़ना
नई और जटिल चीजों को सीखने के लिए नोट्स पढ़ना और हाइलाइट करना पर्याप्त नहीं होगा। कुछ एक्टिव लर्निंग रणनीतियों पर विचार करें जैसे कि अपने शब्दों में असाइनमेंट पढ़ना, किसी को सिखाना कि आपने क्या सीखा है। खुद का परीक्षण करना अच्छा काम करता है क्योंकि आपको अपनी याददाश्त से जानकारी प्राप्त करनी होती है।
पढ़ाई की ये आदतें ही छात्रों को कमजोर बनाती हैं। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ