साइकोलॉजी के अनुसार, कॉन्फिडेंट स्पीकर बनने में हेल्प करेंगी ये 7 आदतें


By Priyanka Pal21, Sep 2024 06:20 PMjagranjosh.com

कई बार आप खुलकर बहुत कुछ बोलना चाहते हो, लेकिन हिचकिचाहट और कम कॉन्फिडेंस होने के बार आप बहुत कुछ नहीं बोल पाते। ऐसे में आज इस वेब स्टोरी में जानिए कॉन्फिडेंट स्पीकर बनने के ये 7 आदतों के बारे में।

तैयारी

साइकोलॉजी के अनुसार, किसी भी चीज के लिए तैयारी बहुत जिम्मेदार होती है। आप अपने काम में जितने तैयार और प्रैक्टिस करेंगे उतने ही कॉन्फिडेंस के साथ उभरेंगे।

विजुआलाइजेशन

यह एक ऐसा तरीका है जिसमें आप मानसिक रूप से प्रैक्टिस करते हैं या खुद को किसी विशेष स्थिति में कल्पना करते हैं। हर दिन कुछ समय निकालकर बोलने की स्किल को विकसित करें।

माइंडफुलनेस

यह हमें अपने संदेश और अपने श्रोताओं के साथ अधिक गहराई से जुड़ने में हेल्प करता है। वर्तमान में खुद को स्थिर करके, हम भविष्य या पिछली असफलताओं के बारे में चिंता करना छोड़ सकते हैं।

बॉडी लैग्वेज

साइकोलॉजी कहती है कि हमारे शब्दों से ज्यादा हमारी बॉडी लैग्वेज काफी कुछ कहने पर जोर देती है। UCLA की एक स्टडी से पता चलता है कि 55 प्रतिशत संचार शारीरिक भाषा से आता है।

आगे बढ़ना

प्रत्येक विफलता विकास और सीखने का अवसर लेकर आती है। उन्हें असफलता के रूप में देखने के बजाय, हम उन्हें फीडबैक के रूप में देखना चुन सकते हैं।

कमजोरी स्वीकारें

जब आप अपने अंदर की कमजोरी स्वीकार कर लेते हैं तो काफी कुछ सीखने के लिए तैयार रहते हैं। संवेदनशीलता दीवारों को तोड़ती है, विश्वास को बढ़ावा देती है।

ध्यान से सुनना

एक आत्मविश्वासी वक्ता होने का मतलब सिर्फ एक शानदार भाषण देना नहीं है इसका मतलब है अपने श्रोताओं से जुड़ना और उनके संकेतों पर प्रतिक्रिया देना।

ऐसी ही टिप्स, सरकारी नौकरियों, करियर टिप्स, मोटिवेशनल कोट्स और एजुकेशन से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh.com के साथ।

इन 5 संकेतों से जानिए आपको मेंटल हेल्थ ब्रेक की है जरूरत