उल्टा जवाब देने लगा है बच्चा? इन टिप्स से बनाएं आज्ञाकारी
By Mahima Sharan05, Feb 2024 01:33 PMjagranjosh.com
बच्चों का व्यवहार
कोई भी बच्चा पहले से बूरा या अच्छा नहीं होता है। घर का माहौल ही बच्चों को अच्छा या बुरा बनाता है। कई रिसर्च में यह देखा गया है कि अगर बच्चों को ज्यादा डांटा या पीटा जाए तो वे जिद्दी, गुस्सैल होते है साथ ही उनके अंदर नकारात्मकता बढ़ती है।
जब बच्चा निगेटिव या उल्टा बोले
ऐसे में अगर आपका बच्चा निगेटिव या उल्टा जवाब देने लगा है या ठीक से व्यवहार नहीं कर रहा है तो यह संभव है कि वह निगेटिव एनर्जी से घिरा हुआ है। ऐसे में आप अपने व्यवहार में कुछ बदलाव लाकर अपने बच्चे को संस्कारी और आज्ञाकारी बना सकते हैं।
दैनिक व्यवहार में बदलाव की जरूरत
बच्चों के साथ कुछ दैनिक व्यवहार में बदलाव के बाद वह खुश और सकारात्मक रहने लगेगा और आपकी हर बात को मानने के साथ-साथ उसे महत्व भी देंगे।
20 मिनट का समय लें
अपनी रोजमर्रा की व्यस्त लाइफस्टाइल के बीच आपको बच्चों से बात करने के लिए 20 मिनट का समय जरूर निकालना चाहिए। इस दौरान बच्चों की हर बात सुनें और उनसे बात करें। ध्यान रखें कि बच्चों बात करते वक्त अपना फ़ोन, टीवी बंद रखें।
अच्छे काम के लिए प्रशंसा
यदि आप बच्चों के अच्छे काम के लिए उनकी प्रशंसा करते हैं और उन्हें पुरस्कार देते हैं, तो यह उन्हें सकारात्मक बनाने में मदद कर सकता है। इस तरह उन्हें लगेगा कि आप उनसे प्यार करते हैं और उन्हें महत्व देते हैं।
चीजों को स्पष्ट रूप से समझाएं
जो भी बातें बतानी हों, बच्चों को साफ-साफ बताएं, जैसे खेलने के बाद खिलौनों को डिब्बे में रख दें आदि। भावनाओं में बहकर ऐसी बातें न कहें जिन्हें वे समझ न सकें।
ध्यान भटकाना
अगर आपका बच्चा किसी बात से परेशान और गुस्से में है तो आप डांटने की बजाय क्रिएटिव तरीके से उसका ध्यान भटका सकते हैं जैसे बाहर घूमने जाएं, कोई गेम खेलाना।
शांत रहें
अगर आपका बच्चा कुछ ऐसा कर रहा है जो नहीं करना चाहिए तो आपको शांति से उसे रोकना चाहिए। अगर इसके बाद भी वह ऐसा कर रहा है तो शांत रहें और खुद पर काबू रखें। अगर वह तब भी वह काम करना बंद कर रहे हैं तो उसे खूब प्यार करें और बताएं कि वह क्या गलत कर रहे हैं।
बच्चों की तुलना न करें
माता-पिता की सबसे बड़ी गलती जो बच्चों के विचार को निगेटिव बनाती हैं वो है पेरेंट्स द्वारा अपने बच्चों की दूसरों से तुलना करना। जब आप बच्चों की तुलना करते हैं कि तो उनके मन में नकारात्मक विचार विकसित होते हैं और वो चिड़चिड़े बनते हैं।
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