By Mahima Sharan12, May 2024 04:31 PMjagranjosh.com
जीवन के उतार-चढ़ाव
जीवन में उतार-चढ़ाव आना बिल्कुल स्वाभाविक है। चाहे वो पढ़ाई से जुड़ा हो या करियर से जुड़ा हो, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम इन चुनौतियों और कठिनाइयों से कितनी अच्छी तरह निपट पा रहे हैं।
रिजेक्शन से डील करना
रिजेक्शन जीवन का एक हिस्सा है, और यह माता-पिता और शिक्षकों की ज़िम्मेदारी है कि वे बच्चों को इससे निपटने का सही तरीका सिखाएं। आइए जानते हैं बच्चों को रिजेक्शन से कैसे डील करना सिखाएं।
सकारात्मकता बनाए रखें
बच्चों को समझाएं कि रिजेक्शन लाइफ का एक हिस्सा है। माता-पिता को अपने बच्चों को समझाना चाहिए कि इसे कमजोरी का मामला नहीं माना जाना चाहिए। बल्कि इसे एक अवसर के रूप में देख सकते हैंजो आगे बढ़ने की सीख देता है।
खुलकर बात करें
बच्चों को समझाएं कि रिजेक्शन हर किसी के जीवन में होती है और यह कोई व्यक्तिगत विफलता नहीं है। उनसे उनकी भावनाओं के बारे में खुलकर बात करें। रिजेक्शन जैसी स्थिति में बच्चे अक्सर खुद को दोषी मानते हैं और सोचते हैं कि शायद उनके अंदर ही कुछ कमी है।
बच्चों को पिछली सफलताओं के बारे में बताएं
माता-पिता को अपने बच्चों के सामने अपने सकारात्मक विचार रखने चाहिए। उन्हे बोले कि वे बहुत कुछ कर सकते हैं और उनमें कई अन्य सकारात्मक गुण भी हैं। ऐसे में उनका आत्मविश्वास बना रहेगा।
रोल मॉडल के उदाहरण दीजिए
उन सफल लोगों की कहानियां साझा करें जिन्होंने रिजेक्शन का सामना किया और इससे ऊपर उठे। इससे बच्चों को प्रेरणा मिलेगी और उन्हें पता चलेगा कि असफलता से सीखना और बढ़ना संभव है।
इन बातों से बच्चों को रिजेक्शन से लड़ने का मौका मिलेगा। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ
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