By Priyanka Pal12, Feb 2025 10:31 AMjagranjosh.com
गुरु रविदास जी एक महान संत, कवि और समाज सुधारक थे। उन्होंने समानता, प्रेम, भक्ति और सत्य के मार्ग को अपनाने की शिक्षा दी। आज उनकी जयंती के दिवस पर पढ़िए उनके विचार।
कर्म ही सच्ची पूजा
भगवान की सच्ची भक्ति सिर्फ मंदिरों में नहीं, बल्कि अपने कर्म और ईमानदारी से किए गए कार्यों में है।
बड़ा व्यक्ति
किसी भी इंसान की महानता उसके जन्म से नहीं, बल्कि उसके कर्मों से होती है। मेहनत और सच्चाई से अपना भविष्य खुद बनाएं।
सच्चा धन
सच्ची संपत्ति सिर्फ पैसा या दौलत नहीं, बल्कि ईश्वर की भक्ति, सच्चाई और अच्छे कर्म हैं। ईमानदारी और परोपकार से सच्ची खुशी और सफलता मिलती है।
सबके साथ प्रेम
जीवन का असली आनंद प्रेम, दया और करुणा में है। हमें दूसरों के साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करना चाहिए।
कर्मों से महान बनें
अच्छे विचार और नैतिकता को अपनाएं। किसी भी काम को सच्चाई और ईमानदारी से करें। घमंड से दूर रहें और नम्रता और विनम्रता को अपनाएं।
पवित्र मन
अगर मन पवित्र और निर्मल है, तो बाहरी पूजा-पाठ की आवश्यकता नहीं। असली पवित्रता मन और कर्मों की शुद्धता में है, न कि सिर्फ तीर्थों में स्नान करने में।
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