By Prakhar Pandey2023-03-04, 10:03 ISTjagranjosh.com
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी
जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी ने एक रूल बुक जारी की थी, जिसे छात्रों के विरोध के बाद वापस लेना पड़ा था। आइए जानते हैं कि आखिर उस रुल बुक में ऐसा क्या था?
जेएनयू
जेएनयू आए दिन किसी न किसी चीज को लेकर सुर्खियों में तो बना ही रहता हैं। 28 फरवरी 2023 को JNU चीफ प्रॉक्टर ने एक रुल बुक निकाली थी जिसमें धरना करने समेत अन्य चीजों को लेकर जुर्माने का प्रावधान था।
रूल 1
पहले रूल के मुताबिक भूख हड़ताल करने पर या धरना देने पर 20 हजार का फाइन भरना पड़ता।
रूल 2
इस रूल के अनुसार जेएनयू के कैंपस में हिंसा पर एडमिशन रद्द करने से लेकर 30 हजार तक का जुर्माना देना होगा।
रूल 3
स्टूडेंट्स की शिकायत की कॉपी उनके घर वालों को भेजी जाएंगी।
रूल 4
नई रूल बुक के मुताबिक चीफ प्रॉक्टर ऑफिस से यौन उत्पीड़न, रैगिंग और छेड़छाड़ के मामलों का निपटारा किया जाएगा।
रूल 5
जिस भी केस में छात्र और प्रोफेसर दो पक्ष होंगे उसका निपटारा जेएनयू की शिकायत निवारण समिति करेगी।
रूल 6
जुआ खेलने, गैरकानूनी ढंग से हॉस्टल में रहने, रास्ता रोकने पर और आपत्तिजनक भाषा के उपयोग को भी अपराध की श्रेणी में रखा गया हैं।
क्यों लेना पड़ा वापस?
लेफ्ट और राइट विंग के सम्मिलित विरोध के चलते 2 मार्च को यह रुल बुक वापस ले ली गई। जेएनयू के छात्रों ने इस रुल बुक को तुगलकी फरमान बताया था।