देश की पहली दृष्टिहीन IAS ऑफिसर ने इस Software की मदद से क्रैक किया UPSC
By Mahima Sharan10, Dec 2023 12:09 PMjagranjosh.com
प्रतिष्ठित परीक्षा
हम सभी जानते हैं कि देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाने के लिए उम्मीदवारों को सालों तक कड़ी तप्सया और समर्पण के साथ तैयारी करनी पड़ती है। तब जाकर उन्हें उसका फल मिलता है।
भारत की पहली नेत्रहीन आईएएस अधिकारी
आज हम आपको एक ऐसी आईएएस ऑफिसर कि कहानी बताने जा रहे है, जिकनी संघर्स की कहानी सभी से अगल है और आपको सोचने पर मजबूर कर देंगे। हम बात कर रहे है आईएएस प्रांजल पाटिल की भारत की पहली नेत्रहीन आईएएस अधिकारी है। उनकी प्रेरक सफलता की कहानी ऐसी संघर्षों से भरी है जिनके माध्यम से उन्होंने अपने लक्ष्य को हासिल किया।
आईएएस प्रांजल पाटिल
प्रांजल ने 2016 में पहली बार और साल 2017 में दूसरी बार यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में भाल लिया। साल 2016 में उन्होंने 744 रैंक हासिल किया, जिसके बाद उन्होंने अगले साल दूसरा प्रयास किया जिसमें उन्होंने ऑल इंडिया 124वीं रैंक हासिल की।
इस सॉफ्टवेयर की मदद से यूपीएससी क्रैक किया
गौरतलब है कि प्रांजल ने आईएएस की तैयारी के लिए कभी कोई कोचिंग नहीं ली। परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने एक विशेष सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया, जो उन्हें किताबें ऊंची आवाज में पढ़कर सुनाता था। आंखें न होने के बावजूद उन्होंने अपनी सुनने की क्षमता का फायदा उठाकर इस परीक्षा में सफलता हासिल की।
जानिए कौन हैं प्रांजल पाटिल
प्रांजल पाटिल महाराष्ट्र के उल्हासनगर शहर की रहने वाली हैं। दुर्भाग्य से बचपन में ही किसी कारणों से उन्होंने अपनी आंखों की रोशनी खो दी। हालाँकि बावजूद इसके प्रांजल ने कभी भी हार नहीं मानी। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मुंबई के कमला मेहता दादर स्कूल फॉर द ब्लाइंड से पूरी की, फिर सेंट जेवियर्स कॉलेज से राजनीति विज्ञान में स्नातक की डिग्री पूरी की।
पढ़ाई से नहीं ली ब्रेक
बाद में, उन्होंने पीएचडी और एम.फिल करने से पहले दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में स्नातकोत्तर की डिग्री भी प्राप्त की।
124वीं रैंक की हासिल
2017 सिविल सेवा परीक्षा में 124वीं रैंक हासिल करने के बाद उन्हें साल 2018 में केरल के एर्नाकुलम में सहायक कलेक्टर के पद पर नियुक्त किया गया था। प्रांजल पाटिल वर्तमान में तिरुवनंतपुरम के उप-कलेक्टर हैं और उन्हें केरल का प्रभार दिया गया है।