By Priyanka Pal18, Oct 2024 12:10 PMjagranjosh.com
पहले जहां न्याय की मूर्त को अंधा कहा जाता था, देवी कू मूर्ति पर काली पट्टी लगी होती थी। लेकिन कब ऐसा नहीं होगा क्योंकि इस मूर्ति में कई बदलाव कर दिए गए हैं।
अंग्रेजों के बनाए कानून
देश में ब्रिटश द्वारा लाए गए कानूनों में बदलाव लाने की कोशिश की जा रही है, जिसके तहत न्याय की मूर्ति की आंखों से काली पट्टी हटा दी गई है।
समान कानून
न्याय की मूर्ति से काली पट्टी हटाकर यह बताने की कोशिश की जा रही है कि कानून अब अंधा नहीं है, बल्कि वह सबको समाने रूप से देखता है।
तलवार हटी
नई मूर्ति के दाएं हाथ में तराजू तो अब भी है, लेकिन बाएं हाथ में तलवार की जगह संविधान की किताब ने ले ली है।
इंसाफ
तलवार हिंसा का प्रतीक हैं और अदालतें हिंसा नहीं संवैधानिक कानूनों के तहत इंसाफ करती हैं।
कपड़े
नई मूर्ति गाउन की जगह भारतीय परिधान साड़ी पहने हुए है, जो इस बात का प्रतीक है कि न्याय का भारतीयकरण हो रहा है।
न्याय की देवी के शिल्पकार
सुप्रीम कोर्ट में स्थापित नई मूर्ति को मशहूर शिल्पकार विनोद गोस्वामी और उनकी टीम ने तराशा है।
मार्गदर्शन से बनी मूर्ति
मशहूर मूर्तिकार विनोद गोस्वामी ने बताया कि न्याय की देवी का नई मूर्ति को तराशने में 3 महीने तक का समय लगा है।
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