IAS बनने के बाद विकास दिव्यकीर्ति ने टीचर बनने का फैसला क्यों लिया?
By Mahima Sharan31, Jul 2024 06:04 PMjagranjosh.com
डॉ. विकास दिव्यकीर्ति
यूपीएससी अभ्यर्थियों को कोचिंग देने वाली संस्था दृष्टि आईएएस के संस्थापक डॉ. विकास दिव्यकीर्ति इन दिनों चर्चा में हैं। दिल्ली में एक कोचिंग सेंटर में डूबने से तीन छात्रों की मौत के बाद से लोग उनसे भी सवाल कर रहे हैं। अपने एक बयान में उन्होंने ऐसी समस्याओं के समाधान के तरीके खोजने पर भी जोर दिया।
शिक्षक क्यों बने?
विकास दिव्यकीर्ति न सिर्फ आईएएस या यूपीएससी कोचिंग के फाउंडर है बल्कि वे अभ्यर्थियों के लिए मार्गदर्शक भी है, जिनकी बातें बच्चों को मोटिवेट करती हैं। आइए जानते हैं विकास सर मे आईएएस का पद छोड़ कर टीचर बनने का फैसला क्यों लिया।
कहा से की शुरुआत
विकास दिव्यकीर्ति के करियर की शुरुआत दिल्ली यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर के तौर पर हुई थी। हालांकि, इस समय वे यूपीएससी सीएसई की तैयारी भी कर रहे थे और काम के साथ-साथ पढ़ाई भी करते थे।
पहली अटेम्ट में हुए सिलेक्ट
साल 1996 में उन्होंने अपना पहला अटेम्प्ट दिया और सेलेक्ट भी हुए। अपनी रैंक के अनुसार उन्हें भारत सरकार के गृह मंत्रालय में जगह मिल गई।
नौकरी में उनकी रुचि नहीं थी
अधिकारी के पद पर चयनित होने और सरकारी अधिकारी की प्रतिष्ठा, सुविधाएं और वेतन होने के बावजूद भी विकास दिव्यकीर्ति को इस काम में रुचि नहीं थी। उन्होंने आगे भी यूपीएससी में कई और प्रयास किए लेकिन मनचाही पोस्ट पर उनका चयन नहीं हो सका।
शिक्षण की ओर रुख किया
इसी बीच उनके मन में शिक्षण के क्षेत्र में जाने का विचार आया। वह पहले भी यह काम कर चुके थे और उन्हें लगा कि यही वह काम है जिसमें उन्हें संतुष्टि मिलेगी। उनके इस फैसले का काफी विरोध हुआ और यह भी कहा गया कि उन्होंने अच्छी नौकरी छोड़कर शिक्षण के प्रति जुनून क्यों दिखाया। जिसके बाद उन्होंने दृष्टि आईएएस की शुरुआत की और आल लाखों युवाओं के मेंटोर है।
दिव्यकीर्ति मजबूत इरादों वाले व्यक्ति है। शिक्षा से जुड़ी तमाम खबरों के लिए जुड़े रहे jagranjosh के साथ
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