पिता चाहते थे 'बेटी बने उनका बेटा' कुछ ऐसी है निशा दहिया की कहानी


By Priyanka Pal05, Aug 2024 12:24 PMjagranjosh.com

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आज भारतीय पहलवान निशा दहिया पहलवानी करने उतरने वाली हैं। देश में एक और मेडल आने की उम्मीद है, आगे जानिए रेसलर की सक्सेस स्टोरी।

निशा दहिया

निशा दहिया भारत के लिए कुश्ती करने वाली हरियाणा की पहलवान हैं। वह घर की छोटी और दूसरी बेटी हैं।

बेटी बेटा बने

निशा की कहानी दंगल फिल्म से मिलती है। जी हां वे एक इंटरव्यू में बताती हैं कि उनके पिता चाहते थे, उनकी बेटी वो सब करे जो एक बेटा उनके लिए करता।

चुनौती

निशा बताती हैं कि उन्हें लड़कियों वाले कपड़े और कभी भी बाल लंबे करने की अनुमति नहीं थी। जब भी वह नेल पॉलिश और मेंहदी लगाती तो उनके पिता नाराज हो जाते थे।

आत्मनिर्भर बनने का लक्ष्य

निशा के पिता उन्हें चीजों से वंचित नहीं बल्कि छोटी उम्र से ही आत्मनिर्भर बनाना चाहते थे। वे चाहते थे कि निशा लड़कों की तरह अपने कौशलों में निपुण बनें।

लड़कियों से आगे

जब निशा बड़ी हुई तो उन्होंने पाया कि वह अपने पिता की बदौलत अपनी उम्र की लड़कियों की तुलना में काफी आगे थीं। उन्होंने अपना करियर कुश्ती में बनाए रखना जारी किया।

पढ़ाई से ज्यादा खेल में दिलचस्पी

निशा पढ़ाई में अच्छी नहीं थीं, जिससे उनकी मां को उनकी बहुत चिंता होती थी। लेकिन उनके पिता ने उन्हें 8वीं क्लास के दौरान स्पोर्ट्स होस्टल में डलवा दिया।

कुश्ती से पहले बास्केटवॉल

निशा का सपना खिलाड़ी बनने का था, लेकिन कुश्ती शुरू में उनकी प्लेनिंग का हिस्सा नहीं थी। कुश्ती में आने से पहले उन्होंने एक साल तक बास्केटबॉल की ट्रेनिंग ली थी।

जब सपना देश के लिए रहा

कुश्ती की यात्रा शुरू करने के कुछ ही महीनों के भीतर निशा इस खेल की प्रशंसक बन गईं। साल 2014 में एशियाई सब-जूनियर में उन्होंने कास्य पदक जीता। जिसके बाद कुश्ती में उनका करियर शुरू हो चला था।

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