भारतीय शस्त्र अधिनियम, 1959 को भारत की संसद के एक अधिनियम के माध्यम से बनाया गया था | इस अधिनियम का मुख्य उद्येश्य अवैध हथियारों की संख्या और उनसे उत्पन्न होने वाली हिंसा को बढ़ने से रोकना था| इस शस्त्र अधिनियम का एक और बहुत ही महत्वपूर्ण उद्येश्य यह था कि यदि देश में सशत्र विद्रोह की स्थिति उत्पन्न होती है तो ऐसा न हो कि उसे दबाने में पुलिस और सुरक्षा बल नाकाम हो जायें| भारत में लागू 1962 का शस्त्र नियम; शस्त्रों के निर्माण, बिक्री और लाइसेंस से जुड़ा हुआ है जिसको शस्त्र नियम, 2016 के द्वारा रिप्लेस कर दिया गया है.
शस्त्र नियम, 2016 के अनुसार किसी शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाले किसी व्यक्ति को या किसी राइफल क्लब या संघ या फायरिंग रेंज के लिए आवेदन करने के लिए या इस तरह के क्लब या निर्माता या विक्रेता द्वारा नियुक्त कर्मचारी के लिए शस्त्र एवं गोलाबारूद सुरक्षा प्रशिक्षण पाठ्यक्रम पूरा करना होगा. अर्थात नये नियमों के मुताबिक जिसे शस्त्र चलाना आता है उसे ही लाइसेंस मिल सकता है. इसके लिए उसे परीक्षा भी देनी होगी.
1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से पहले भारत में हथियारों के लाईसेंस से संबंधित कानून न के बराबर थे। भारतीय शस्त्र अधिनियम, 1878 के तहत भारत में पहली बार हथियारों के निर्माण, बिक्री और नियंत्रण के लिए कानून बनाये गये थे| गांधी जी द्वारा 1918 में इस अधिनियम का विरोध किया गया था|
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क्या आप जानते हैं कि भारत के किस राज्य में वहां की पुलिस बल से भी ज्यादा हथियार है | आइये यहाँ के आंकड़ों पर एक नजर डालते हैं:-
1. उत्तर प्रदेश पुलिस के पास 2.3 लाख हथियार हैं जबकि वहां के निवासियों (civilians) के पास 10.76 लाख लाइसेंसी हथियार हैं| इसका मतलब यहाँ पर सामान्य लोगों के पास पुलिस बल की तुलना में 5 गुना ज्यादा हथियार हैं |
2. सरकार का नियम कहता है कि सामान्य लोगों (civilians) के पास पुलिस बल की तुलना में 2.5 गुना से अधिक हथियारों के लाइसेंस नही होने चाहिए |
3. पूरे भारत में 26 लाख हथियारों के लाइसेंस हैं |
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उत्तर प्रदेश के किन जिलों सबसे अधिक हथियारों के लाइसेंस हैं |
a. एटा :-
कुल जनसंख्या (2011 जनगणना): 17.7 लाख
हथियारों के लाइसेंस: 30,778
इसका मतलब यह हुआ कि यहाँ पर हर 58वें आदमी के पास हथियार है |
b. मैनपुरी:
कुल जनसंख्या (2011 जनगणना):18.7 लाख
हथियारों के लाइसेंस: 24,196
यानी कि यहाँ पर हर 77वें आदमी के पास हथियार है |
c. लखनऊ:-
कुल जनसंख्या (2011 जनगणना): 45.9 लाख
हथियारों के लाइसेंस: 56476
इसका मतलब यह हुआ कि यहाँ पर हर 81वें आदमी के पास हथियार है |
d. शाहजहांपुर:-
कुल जनसंख्या (2011 जनगणना): 30.1 लाख
हथियारों के लाइसेंस: 35,009
इसका मतलब यह हुआ कि यहाँ पर हर 86वें आदमी के पास हथियार है |
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यहाँ पर हथियारों के प्रति इतना ज्यादा मोह किन कारणों से है ?
इसके आधिकारिक कारण इस प्रकार हैं :
1. स्वयं की सुरक्षा (Self Protection)
2. गिरोह प्रतिद्वंद्विता (Gang Rivalry)
3. पैतृक संपत्ति की रक्षा (Protect Ancestral Property)
4. डकैतों की धमकी (Threat of Dacoits)
इसके अनाधिकारिक कारण इस प्रकार हैं :
1. प्रतिष्ठा का प्रतीक (Status Symbol)
2. घरेलू समारोहों में जश्न के दौरान गोलीबारी (Celebratory Firing during Home Function)
उत्तर प्रदेश में इन्ही हथियारों के कारण सबसे ज्यादा हादसे होते हैं | 2005 से 2014 के बीच की अवधि के तथ्यों से पता चला है कि विभिन्न घटनाओं में 10319 लोग मारे गए और 6110 लोग घायल हुए थे |
इसी अवधि में अन्य राज्यों में हुई घटनाओं की स्थिति इस प्रकार है:
मृत : 1065
घायल: 29
मृत : 385
घायल: 310
मृत : 356
घायल: 225
इस प्रकार ऊपर दिए गए आंकड़ों से स्पष्ट है कि इन प्रदेशों में हथियार खरीदने के कितने ज्यादा शौक़ीन लोग हैं. स्थिति इतनी भयावह है इन प्रदेशों में पुलिस के पास भी इतने हथियार नहीं हैं जितने कि आम जनता के पास हैं. सरकार को हथियारों की इस होड़ को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने की सख्त जरूरत है.
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