बौद्धिक संपदा दिवस-2016 विश्व भर में 26 अप्रैल 2016 को मनाया गया जिसका विषय था, डिजिटल रचनात्मकता: संस्कृति पुनःविचार.
इस अवसर पर, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) विभिन्न सरकारी संस्थानों, गैर-सरकारी संस्थानों, सामुदायिक समूहों आदि के साथ मिलकर कार्यक्रम आयोजित करता है.
इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य बौद्धिक संपदा के अधिकारों (पेटेंट, ट्रेडमार्क, इंडस्ट्रियल डिजाईन, कॉपीराइट) आदि के प्रति लोगों को जागरुक करना है.
इस वर्ष के विषय का उद्देश्य डिजिटल माध्यम से संस्कृति के भविष्य को तलाशना है. एक संतुलित और लचीली बौद्धिक संपदा प्रणाली रचनात्मक क्षेत्र में काम करने वालों और कलाकारों को प्रशस्त मार्ग प्रदान करती है तथा उन्हें कलात्मक कार्यों के प्रति अधिक रचनात्मक बनाती है.
पृष्ठभूमि
अक्टूबर 1999 में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (डब्ल्यूआईपीओ) ने किसी एक दिन को बौद्धिक संपदा दिवस के रूप में मनाये जाने के प्रस्ताव को स्वीकार किया.
वर्ष 2000 में, विश्व बौद्धिक संपदा संगठन ने 26 अप्रैल को अंतरराष्ट्रीय बौद्धिक संपदा दिवस के रूप में मनाया जाना तय किया. इसका उद्देश्य लोगों को बौद्धिक संपदा की प्रासंगिकता के विषय में जागरुक करना है.
अप्रैल 26 तिथि को विशेष सम्मेलन में इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 1970 में विश्व बौद्धिक संपदा संगठन की स्थापना हुई थी.
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