अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) को 4 दिसंबर 2012 को निलंबित किया. निलंबन के बाद आईओए को आईओसी से किसी भी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं मिलेगी और न तो भारतीय खिलाड़ी और न ही ओलिंपिक अधिकारी राष्ट्रीय ध्वज के साथ आईओसी द्वारा आयोजित प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले सकेंगे. उन्हें ओलंपिक के ध्वज के साथ भाग लेने की अनुमति होगी.
यह फैसला अभय सिंह चौटाला के चुनाव को लेकर उठाया गया है. अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी का कहना है कि चुनाव उसके नियमों के मुताबिक नहीं हुआ.
भारत से पूर्व इराक, अफगानिस्तान एवं कुवैत को भी निलंबित किया गया. दक्षिण अफ्रीका को उसकी रंभभेद नीति के कारण निलंबित किया गया था, जबकि सरकारी हस्तक्षेप के कारण कुवैत को निलंबित किया गया. कुवैत को हालांकि तब दोबारा आईओसी में शामिल कर लिया गया जब देश की ओलंपिक संस्था ने अपने संविधान में संशोधन किया. नीदरलैंड एंटिलेस और दक्षिण सुडान को भी अपनी राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों का गठन नहीं करने के कारण निलंबित किया गया.
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