ट्यूनीशिया की नेशनल डायलॉग क्वार्ट्रेट ने वर्ष 2015 का नोबल शांति पुरस्कार जीता. नार्वे की नोबेल पुरस्कार समिति के अध्यक्ष केसी कुलमैन ने 9 अक्टूबर 2015 को नोबल शांति पुरस्कार की घोषणा की. उन्हें यह पुरस्कार ट्यूनीशिया में वर्ष 2011 की जैस्मीन क्रांति के दौरान लोकतंत्र की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान के लिए दिया गया.
वर्ष 2011 में ट्यूनीशिया में हुए 'जैस्मीन क्रांति' के बाद वहां हुई राजनीतिक हत्याओं और बड़े पैमाने पर फैली अस्थिरता के बीच इस क्वार्ट्रेट का गठन वर्ष 2013 में किया गया था. यह ग्रुप सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइजेशन का एक संगठन है.
वर्ष 2015 के नोबल शांति पुरस्कार के लिए नेशनल डायलॉग क्वार्ट्रेट का चयन 273 प्रत्याशियों की सूचीं में से किया गया. इस सूची में जर्मनी की चांसलर एजेंला मार्केल और पोप फ्रांसिस, कोलंबिया के राष्ट्रपति जुआन मेन्यूल सांतोस, रोड्रिगो लोनदोनो, एडवर्ड स्नोडेन आदि का नाम शामिल था.
पहले नोबेल शांति पुरस्कार से रेड क्रॉस अंतर्राष्ट्रीय समिति के संस्थापक जीन हेनरी डुनेंट और फ्रेंच शांति कार्यकर्ता और अर्थशास्त्री फ्रेडरिक पैसी को वर्ष 1901 में संयुक्त रूप से सम्मानित किया गया था.
ट्यूनीशिया की नेशनल डायलॉग क्वार्ट्रेट के बारे में
ट्यूनीशिया की नेशनल डायलॉग क्वार्ट्रेट के अंतर्गत चार प्रमुख संगठन शामिल है:
• ट्यूनीशियन जनरल लेबर यूनियन
• ट्यूनीशियन कन्फेडरेशन ऑफ इंडस्ट्री, ट्रैड एंड हैंडीक्राफ्ट
• ट्यूनीशियन मानवाधिकार लीग
• ट्यूनीशियन ऑर्डर ऑफ लॉयर्स
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