पाकिस्तान की सरकार ने बलूचिस्तान में बने ग्वादर बंदरगाह की देखरेख की जिम्मेदारी चीन की ओवर्सीज़ पोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड को जनवरी 2013 के अंतिम सप्ताह में सौंपी. चीन से पहले इस बंदरगाह का जिम्मा सिंगापुर की पीएसए इंटरनेशनल के पास था, लेकिन पाकिस्तानी नेवी और पीएसए के बीच विवाद के बाद यह निर्णय लिया गया.
विदित हो कि भारत के लिए इस बात के खासे रणनीतिक मायने हैं. इस पोर्ट के द्वारा चीन मलक्का की खाड़ी और साउथ चाइना सी से होने वाली ईंधन सप्लाई को अलग-थलग कर सकता है. श्रीलंका के हंबनटोटा पोर्ट के अलावा बांग्लादेश के चित्तगोंग बंदरगाह पर भी चीन की मौजूदगी है.
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