भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) पर गैर प्रतिस्पर्धी तरीकों के प्रयोग के लिए 52.24 करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया. यह जुर्माना बीसीसीआई पर ललित मोदी के समय में आईपीएल में करोड़ों रुपये की डील और जी द्वारा प्रायोजित आईसीएल के विस्तार को रोकने में अपने प्रभावों का गलत ढंग से प्रयोग करने के लिए लगाया गया.
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के अनुसार बीसीसीआई ने अपनी मजबूत स्थिति का दुरुपयोग करते हुए प्रतिस्पर्धा अधिनियम 2002 की धारा 4(2)(सी) का उल्लंघन किया. इसके लिए बीसीसीआई पर अगले तीन वर्षों तक (2016) वार्षिक राजस्व की 6 प्रतिशत रकम (52.24 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया गया.
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने बीसीसीआई को अपने मीडिया अधिकार अनुबंध से अनुच्छेद 9.1(सी)(आई) को हटाने का निर्देश दिया. अनुच्छेद के अनुसार बीसीसीआई घरेलू टी-20 मैच के दौरान लीग को ऐसे किसी अन्य खिलाड़ी का चयन या मदद नहीं करेगा जिससे लीग को प्रतिस्पर्धा मिल रहा हो.
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने बोर्ड को भविष्य में संभावित प्रतियोगियों को बाजार तक पहुंचने से रोकने वाली किसी भी गतिविधि से दूर रहने का भी निर्देश दिया.
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने बीसीसीआई को 90 दिनों के भीतर इस आदेश पर अमल शुरू करने का निर्देश दिया.
विदित हो कि दिल्ली के सुरिंदर सिंह बर्मी ने बीसीसीआई के खिलाफ नवंबर 2010 में शिकायत दर्ज करायी थी. उनके आरोप बीसीसीआई द्वारा आयोजित आईपीएल और पेशेवर क्रिकेट लीग टूर्नामेंट के संबंध में थे. शिकायतकर्ता ने टीम के मालिकाना हक के लिए फ्रेंचाइजी अधिकार, लीग की कवरेज के लिए मीडिया अधिकार और प्रायोजन अधिकार देने में अनियमितताओं के आरोप भी लगाए.
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