देश के कमोडिटी बाजारों में एक नेशनल स्पॉट एक्चेंज (एनएसईएल, National Spot Exchange Limited, NSEL) को देश के वायदा बाजार नियामक वायदा बाजार आयोग (एफएमसी, Future Market Commission, FMC) ने 21 अगस्त 2013 को नोटिस जारी करके निवेशकों के पैसे लौटाने हेतु अपने गोदामों में रखी गयी कमोडिटी को नीलाम करने के आदेश दिये.
अपने नोटिस में वायदा बाजार नियामक एफएमसी ने एनएसईएल को यह भी निर्देश दिये कि यह अपने डिफॉल्टरों के वित्तीय दस्तावेज, सम्पत्तियों के दस्तावेज और चेकबुक आदि जब्त करे ताकि निवेशकों के पैसे लौटाये जा सकें.
एफएमसी ने अपने नोटिस में निर्देश दिया कि एनएसईएल गोदामों में रखी कमोडिटी स्टॉक एवं अपने डिफॉल्टरों की परिसम्पत्तियों को जब्त करने प्राप्त हुई राशि को एस्क्रो अकाउंट में जमा करे और निवेशकों को उनकी राशि लौटाने से पूर्व एफएमसी से मंजूरी ले.
विदित हो कि एनएसईएल को अगस्त 2013 माह की शुरूआत से अपना कारोबार बंद करने को कहा गया था जिसके कारण एनएसईएल ने सात माह के भीतर निवेशकों के पैसे लौटाने की योजना एफएमसी को सौंपी थी, लेकिन एनएसईएल निवेशकों को रकम लौटाने के पहले चरण में ही तय राशि लौटाने में नाकाम रही थी. इसी के चलते एनएसईएल ने 20 अगस्त 2013 को अपने सीईओ व एमडी और छह अन्य शीर्ष अधिकारियों को भी निलंबित कर दिया था.
किया, उनमें मुख्य वित्तीय अधिकारी, विभिन्न विभागों के सहायक उपाध्यक्ष व प्रबंधक शामिल हैं.
एनएसईएल (National Spot Exchange Limited, NSEL)
एनएसईएल भारत के वायदा बाजारों (Commodity Exchanges) में से एक है. यह फाइंनेंशियल टेक्नोलॉजीस इंडिया लिमिटेड और नेशनल एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (नैफेड) का संयुक्त उपक्रम है. एनएसईएल ने विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं में लाइव ट्रेडिंग की शुरूआत 15 अक्टूबर 2008 से की थी.
वायदा बाजार आयोग (एफएमसी, Future Market Commission, FMC)
वायदा बाजार आयोग भारत में फॉर्वर्ड एवं वायदा का एक मुख्य नियामक प्राधिकारी है तथा फॉरवर्ड संविदा (विनियमन) अधिनियम, 1952 के तहत 1953 में स्थापित एक सांविधिक निकाय है. वायदा बाजार आयोग उपभोक्ता मामले,खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय,भारत सरकार के देखरेख में कार्य करता है. वायदा बाजार आयोग में न्यूनतम दो तथा अधिकतम चार सदस्य होते हैं जिनकी नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है. वायदा बाजार आयोग के अध्यक्ष की भी नियुक्ति केंद्र सरकार के द्वारा ही की जाती है.
वायदा बाजार आयोग के कार्य इस प्रकार हैं:
(क) किसी भी संघ की मान्यता या मान्यता की वापसी के संबंध में या वायदा संविदा (विनियमन) अधिनियम 1952 के क्रियान्वयन से उत्पन्न किसी भी अन्य मामले के संबंध में केन्द्र सरकार को सलाह देने के लिए.
(ख) वायदा बाजार को निगरानी में रखने और उससे सम्बंधित कार्रवाई करने के लिए,जो की आवश्यक हो सकता है,या इस अधिनियम के द्वारा या अंतर्गत उसे सौंपे शक्तियों के प्रयोग में.
(ग) इकट्ठा करने और जब भी आयोग यह आवश्यक समझता है,वस्तुओं के व्यापार की शर्तों के बारे में जानकारी प्रकाशित करने के लिए जो की अधिनियम के किसी भी प्रावधानों से लागू किया जाता है जिनमे आपूर्ति,मांग और कीमतों के बारे में जानकारी भी शामिल है और इस तरह के सामान से संबंधित वायदा बाजार की कार्यशैली पर आवधिक विवरण (रिपोर्ट) केन्द्र सरकार को प्रस्तुत करना;
(घ) सामान्यतः वायदा बाजार के काम और संगठन में सुधार लाने की दृष्टि से सिफारिशें करना;
(ङ) किसी भी मान्यता प्राप्त संघ या पंजीकृत संस्था या इस तरह के सहयोग से बने किसी भी सदस्य के खातों और अन्यदस्तावेजों के निरीक्षण का कार्य करने के लिए जब भी यह आवश्यक समझे.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation