मिस्र के राष्ट्रपति अदली मंसूर ने उदारवादी नेता मोहम्मद मुस्तफा अल-बरदेई को विदेश मामलों के लिए उपराष्ट्रपति नियुक्त किया. इनकी नियुक्ति की घोषणा 8 जुलाई 2013 को की गई. अदली मंसूर देश में राष्ट्रपति चुनाव होने तक देश के राष्ट्रपति रहेंगें.
मोहम्मद मुस्तफा अल-बरदई से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• 71 वर्षीय मोहम्मद अल-बरदई वर्ष 1997 से 2009 तक संयुक्त राष्ट्र की परमाणु निगरानी संस्था अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजंसी (International Atomic Energy Agency, आईएईए) के महानिदेशक रहे.
• मोहम्मद अल-बरदई को वर्ष 2008 का इंदिरा गांधी शांति, निरस्त्रीकरण एवं विकास पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
• मोहम्मद अल-बरदई और अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजंसी (IAEA) को संयुक्त रूप से वर्ष 2005 का नोबेल शान्ति पुरस्कार प्रदान किया गया.
• वर्ष 1974 और वर्ष 1978 के बीच वह मिस्र के विदेशमंत्री के विशेष सहायक रहे.
• मोहम्मद अल-बरदई ने मिस्र के शासक हुस्नी मुबारक के शासन के खिलाफ आवाज बुलंद करने वालों में से प्रमुख व्यक्ति थे.
• मोहम्मद अल बरदई पेशे से वकील थे. उन्होंने अपना करिअर वर्ष 1964 में मिस्र की राजनयिक सेवा के द्वारा शुरू किया.
• मोहम्मद अल-बरदई ने न्यूयॉर्क और जेनेवा (दोनों जगह) में यूएन के लिए काम किया.
• मोहम्मद अल-बरदई ने वर्ष 2011 और वर्ष 2013 के मिस्र की क्रान्ति में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई.
विदित हो कि मिस्र के सर्वोच्च संवैधानिक अदालत (एससीसी) के प्रमुख अदली मंसूर ने देश के राष्ट्रपति के पद की शपथ 4 जुलाई 2013 को ली. अदली मंसूर ने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित देश के प्रथम राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी का स्थान लिया. मिस्र की सेना ने मोहम्मद मुर्सी को देश के राष्ट्रपति पद से 3 जुलाई 2013 को अपदस्थ कर दिया था.
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजंसी क्या है?
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण एक अंतरसरकारी संगठन है. जिसका उद्देश्य विश्व में परमाणु ऊर्जा का शांतिपूर्ण उपयोग सुनिश्चित करना है. यह परमाणु ऊर्जा के सैन्य उपयोग को किसी भी प्रकार रोकने में प्रयासरत रहती है. अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण का गठन 29 जुलाई 1957 को हुआ था. इसका मुख्यालय आस्ट्रिया की राजधानी वियना में है.
अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा अभिकरण सीधे-सीधे संयुक्त राष्ट्र संघ के अधीन नहीं है परन्तु यह संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद को अपनी रिपोर्ट देती है. इस अभिकरण को इसके तत्कालीन महानिदेशक मोहम्मद अल-बारदेई के साथ (संयुक्त रूप से) वर्ष 2005 का शांति नोबेल पुरस्कार दिया गया था. इस अभिकरण के मुख्यत: तीन अंग- बोर्ड ऑफ गवर्नर्स, जनरल कांफ्रेंस एवं सचिवालय हैं.
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