स्विस ब्रोकरेज क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट के मुताबिक 92 फ़ीसदी भारतीय आबादी के पास 6.5 लाख से कम संपत्ति हैं. देश में एक ओर अमीरों की तादाद बढ़ रही है, तो दूसरी ओर बड़ी आबादी गरीबी में जी रही है.
आंकड़ों के मुताबिक, 92 फीसद लोग ऐसे हैं, जिनके पास 10,000 डॉलर (लगभग 6.5 लाख रुपये) से कम की संपत्ति है. वहीं 0.5 फीसद लोगों की संपत्ति एक लाख डॉलर (करीब 65 लाख रुपये) से ज्यादा है.
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इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• स्विस ब्रोकरेज क्रेडिट सुइस की रिपोर्ट में देश में संपत्ति को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं. इसके मुताबिक, वर्ष 2000 से वर्ष 2017 के बीच देश की कुल संपत्ति में चार गुना की बढ़ोतरी हुई. वर्ष 2017 के मध्य तक यहां की कुल संपत्ति पांच लाख करोड़ डॉलर (करीब 325 लाख करोड़ रुपये) के स्तर पर पहुंच गई.
• हालांकि अब भी अमेरिका की तुलना में भारत बहुत पीछे है. अब भी यहां की कुल संपत्ति उस स्तर पर है, जहां अमेरिका 90 साल पहले था. भारत में आबादी अमेरिका की तुलना में चार गुना है.
• रिपोर्ट में वर्ष 2022 तक भारत की संपत्ति छह लाख करोड़ डॉलर (करीब 389 लाख करोड़ रुपये) के स्तर पर पहुंचने का अनुमान लगाया गया है. अमेरिका में वर्ष 1936 में कुल संपत्ति इस स्तर पर थी.
• भारत में वर्ष 2022 तक करोड़पतियों की संख्या 2.45 लाख के वर्तमान स्तर से 50 फीसद बढ़कर 3.70 लाख पहुंचने का अनुमान है.
• रिपोर्ट के मुताबिक, विश्वभर की कुल संपत्ति वर्ष 2017 के मध्य तक 280 लाख करोड़ डॉलर (लगभग 18,146 लाख करोड़ रुपये) के स्तर पर पहुंच गई थी.
विश्व में अमीरी का हाल:
वर्ष 2017 की इस रिपोर्ट के मुताबिक स्विट्जरलैंड विश्व का सबसे अमीर देश बना हुआ है. यहां हर वयस्क के पास औसतन 5,37,600 डॉलर की संपत्ति है. ऑस्ट्रेलिया 4,02,600 डॉलर की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान और 3,88,000 डॉलर दौलत के साथ अमेरिका तीसरे स्थान पर है. इसमें 6.4 फीसद का इजाफा हुआ है. यह वर्ष 2012 के बाद से सबसे तेज वृद्धि दर है.
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