दवा कंपनी कैडिला हेल्थकेयर ने चेचक की दवा के उत्पादन हेतु रूसी कंपनी फार्म एड लिमिटेड के साथ तकनीकी समझौता किया है. कंपनी वैरीसेला वैक्सीन का उत्पादन करेगी जो चेचक के लिए जिम्मेदार विषाणु से रक्षा में उपयोग की जाती है.
कंपनी के बयान के अनुसार इस समझौते से समूह कंपनी जायडस कैडिला को रूस, बेलारूस, उज्बेकिस्तान, कजाखिस्तान, अरमेनियसा और किर्गिस्तान के सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बाजार में लाभ होगा. इस समझौते से दवा के स्थानीय उत्पादन, वितरण और प्रबंधकीय क्षमताओं को साथ लाने में मदद मिलेगी.
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उद्देश्य-
कंपनी के प्रबंध निदेशक शारविल पटेल के अनुसार उनका लक्ष्य अब तक पूरी नहीं की जा सकी स्वास्थ्य देखभाल जरूरतों को पूरा करने का है. सुरक्षा के उपायों तक सबकी बेहतर पहुंच सुनिश्चित कराएं.
चेचक का कारण-
चेचक रोग का कारण एक वाइरस होता है, जो रोगी के नासिकास्राव और थूक तथा त्वचा से पृथम् होने वाले खुंरडों में रहता है. यह बिंदु संक्रमण द्वारा फैलता है.
खुरंड भी चूर्णित होकर वस्त्रों या अन्य वस्तुओं द्वारा रोग फैलने का कारण होते हैं.
चेचक वाइरस भी दो प्रकार का होता है. एक उग्र (major), जो उग्र रोग उत्पन्न करता है, दूसरा मृदु (minor), जिससे मृदुरूप का रोग होता है.
गायों में रोग (cow-pox) उत्पन्न करनेवाला वाइरस प्रायः मनुष्य को आक्रांत नहीं करता और न वह एक व्यक्ति से दूसरे में पहुँचता है.
पृष्ठभूमि-
चेचक रोग अत्यंत संक्रामक है. जब तब इस रोग की महामारी फैला करती है. टीके के आविष्कार से पूर्व इस रोग से बहुत अधिक मृत्यु होती थी.
यह रोग दस हजार इसा पूर्व से मानव जाति को पीड़ित कर रहा है. १८ वी सदी में हर साल यूरोप में ही इस से ४ लाख लोग मरते थे. यह रोग 1/3 अंधेपन के मामले हेतु भी उत्तरदायी था.
कुल संक्रमण में से 20-60 % तथा बच्चो में 80% की मृत्यु दर होती थी.
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उपाय-
चेचक का टीका रोग को रोकने का विशिष्ट उपाय है. जिस वस्तु का टीका लगया जाता है, वह इस रोग की वैक्सीन होती है. जिसको साधारण बोलचाल में लिंफ कहते हैं.
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