केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवंबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में योजना के विस्तार को मंजूरी प्रदान की. बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के विस्तार के लिए वर्ष 2017-18 से वर्ष 2019-20 की अवधि में 1132.5 करोड़ रुपये का व्यय प्रस्तावित है.
इस अभियान के तहत पूरे देश में लैंगिक अनुपात सुधारने और लड़कियों की पढ़ाई लिखाई और सेहत ठीक रखने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा. अभी तक बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान 161 जिलों तक सीमित था.
मुख्य बिंदु
• निरंतर राष्ट्रव्यापी पक्ष के समर्थन से 640 अतिरिक्त जिलों में मीडिया अभियान और चयनित 405 जिलों में बहुक्षेत्रीय कार्यवाही के माध्यम से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (बीबीबीपी) के लिए विस्तार और प्रयासों में तीव्रता के लिए भी मंजूरी दी गई.
• उन सभी जिलों को बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत पहले वर्ष शामिल किया जाएगा, जिन जिलों में सीएआर काफी कम है.
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• कामकाजी महिलाओं को सहायता प्रदान करने के लिए लगभग 190 से अधिक कामकाजी महिला हॉस्टलों की स्थापना की जाएगी, जिनमें लगभग 19,000 महिलाएं रह सकेंगी.
• लगभग 26,000 लाभार्थियों को राहत और पुनर्वास प्रदान करने के लिए अतिरिक्त स्वाधार गृहों को भी मंजूरी दी गई है.
• हिंसा से पीड़ित महिलाओं को समावेशी सहायता प्रदान करने के लिए इस अवधि के दौरान 150 अतिरिक्त जिलों में वन स्टॉप सेंटरों (ओएससी) की स्थापना की जाएगी.
• इन वन स्टॉप सेंटरों को महिला हेल्पलाइन के साथ जोड़ा जाएगा और देशभर में सार्वजनिक और निजी दोनों स्थानों पर हिंसा से पीड़ित महिलाओं को 24 घंटे का आपातकालीन एवं गैर आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली प्रदान की जाएगी.
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