प्रदूषण स्तर कम करने हेतु केंद्र सरकार ने ‘हरित दीवाली स्वस्थ दीवाली’ अभियान का शुभारंभ किया. ‘हरित दीवाली, स्वस्थ दीवाली’ अभियान को सफल बनाने हेतु केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली और एनसीआर के लगभग 800 स्कूली बच्चों को प्रेरित किया.
केंद्रीय जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बच्चों से बम-पटाखों में मौजूद रसायनों और उसके मानव शरीर के विभिन्न अंगों पर पड़ने वाले प्रभावों की जानकारी दी. केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने बच्चों को हरित और स्वस्थ दीवाली की शपथ दिलायी.
बच्चों को प्रेरणा दी गई कि इससे बचाव हेतु वह इस दीवाली पर पटाखे खरीदने की बजाय अपने मुहल्लों में गरीबों और वंचित बच्चों हेतु कोई गिफ्ट, खाद्य पदार्थ या मिठाई खरीदें.
केंद्र सरकार हरित दीवाली स्वस्थ दीवाली अभियान को सफल बनाने हेतु व्यापक रूप से स्कूलों, कॉलेजों और अन्य शिक्षण संस्थानों में छात्रों को जागरूक बनाकर शपथ दिलाएगी.
बच्चों को मिट्टी के दीये और पर्यावरण अनुकूल उत्पाद खरीदने हेतु देश हित में प्रेरित किया गया. छात्रों ने इस अवसर पर नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया और ‘प्रकृति वंदना’ का गायन किया.
अभियान के एक अंग के रूप में पर्यावरण मंत्रालय विभिन्न हितधारकों और लोगों को वायु प्रदूषण के प्रति जागरूक करने और वायु प्रदूषण का सामना करने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न गतिविधियों को संचालित करेगा.
स्कूली छात्रों में हरित दीवाली को प्रोत्साहित करने हेतु कुछ गतिविधियां में लोगो और स्टिकरों का वितरण, पोस्टर प्रतियोगिता, जन परिवहन प्रणाली में विज्ञापन, रेडियो/एफएम का उपयोग करते हुए पब्लिक अपील अन्य हितधारकों और औद्योगिक संगठनों आदि को जोड़ना शामिल हैं.
प्रदूषण मुक्त दीवाली’ प्रतियोगिता-
सोशल मीडिया अभियान के एक हिस्से के रूप में ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी. जिसमें कोई भी व्यक्ति/संगठन ‘प्रदूषण मुक्त दीवाली’ विषय पर वीडियो/ऑडियो क्लिप बना सकता है.
इन क्लिप्स में से सर्वोत्तम क्लिप को आधिकारिक रूप से देशभर में प्रचारित करने के लिए उपयोग में लाया जाएगा.
परंपरा-
दीवाली हमारी समृद्ध परंपरा का अभिन्न अंग है और प्रसन्नता तथा हर्ष का त्योहार है. हाल के समय में इसके मनाये जाने के तरीके में बदलाव आया. जिससे व्यापक रूप से वायु और ध्वनि प्रदूषण बढ़ता है. परिणाम स्वरूप पर्यावरण और लोगों के स्वास्थ्य पर व्यापक प्रभाव पड़ता है.
पृष्ठभूमि-
पिछले कुछ वर्षों में सर्दियों के दौरान कई शहरों में वायु प्रदूषण निर्धारित सीमा से ऊपर पहुंचा गया. दीवाली के दौरान अत्यधिक पटाखे जलाने से समस्या और अधिक बढ़ गई. पिछले वर्ष दिल्ली में प्रदूषण का स्तर, विशेषकर दीवाली के बाद ऐसे स्तर पर पहुंच गया कि सरकार को आपातकाल स्थिति घोषित करनी पड़ी. जिसके फलस्वरूप स्कूल, निर्माण स्थलों और पावर स्टेशन बंद होने जैसे सामाजिक-आर्थिक सामने आए.
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