भारत और नेपाल के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास 5 सितम्बर 2017 को नेपाल के पश्चिमी जिला रूपनडेही में शुरू हुआ. इसमें आतंकवाद विरोधी और जंगलों में होने वाले अभियान पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. सैन्य अभ्यास के दौरान भारत और नेपाल की सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.
नेपाली सेना के वरिष्ठ अधिकारी राजेंद्र कार्की ने सूर्य किरण अभ्यास का उद्घाटन किया. इसमें भारत और नेपाल के करीब 300-300 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं. भारतीय सेना के अधिकारियों के अनुसार, सैनिकों की भागीदारी के लिहाज से सूर्य किरण सबसे बड़ा सैन्य अभ्यास है. आपदा प्रबंधन और संयुक्त आपदा राहत अभियान भी इस अभ्यास का हिस्सा होगा.
मुख्य तथ्य:
• भारत और नेपाल संयुक्त सैन्य अभ्यास का 12वां संस्करण 16 सितंबर 2017 को संपन्न होगा. 11वां संस्करण उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में आयोजित हुआ था.
• सैन्य अभ्यास के दौरान दोनों देशों के सेनाएं एक-दूसरे के हथियारों, उपकरणों, रणनीति, तकनीक, पर्वतीय इलाके में आतंकवाद विरोधी माहौल में काम करने की प्रक्रियाओं से परिचित होंगे.
• सैन्य अभ्यास के समय शैक्षिक विशेषज्ञ की श्रृंखला में विभिन्न विषयों पर चर्चा होगी, जिसमे मानवीय सहायता, आपदा राहत व हाई अल्टीट्यूड इलाकों में युद्ध कला आदि भी शामिल रहेगी.
• सैन्य अभ्यास के समापन से पहले 72 घंटे का कड़ा आतंकवाद विरोधी प्रदर्शन भी होगा.
• सूर्य किरण सैन्य अभ्यास का आयोजन बारी-बारी से भारत और नेपाल में किया जाता है.
पृष्ठभूमि:
भारत और नेपाल के सम्बन्ध अनादि काल से हैं. दोनों पड़ोसी देश हैं. दोनों की धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषायी एवं ऐतिहासिक स्थिति में बहुत अधिक समानता है. भारत और नेपाल रक्षा संबंधों में सैन्य शैक्षिक आदान-प्रदान, संयुक्त अभ्यास और नेपाल की अपेक्षाओं के अनुरूप सैन्य सामग्री एवं उपकरणों की आपूर्ति शामिल है. घनिष्ठ पड़ोसी देशों के रूप में भारत एवं नेपाल के मध्य मैत्री एवं सहयोग का एक अनोखा रिश्ता है जिसकी विशेषता खुली सीमाएं और संबंध एवं संस्कृति की व्यक्ति-से-व्यक्ति संपर्कों की गहरी जड़ें भारत की नेपाल के साथ 1751 किमी. लंबी सीमा है.
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