भारतीय मूल के जे वाई पिल्लई सिंगापुर के कार्यवाहक राष्ट्रपति बन गए. नए प्रेसिडेंट सितंबर में ही पद की शपथ ले सकते हैं. इससे पूर्व में भी पिल्लई इस जिम्मेवारी का निर्वाह कर चुके हैं. राष्ट्रपति के विदेश यात्रा पर जाने के दौरान हर बार उन्ही को कार्यवाहक राष्ट्रपति की जिम्मेदारी प्रदान की जाती है.
इस बार जे वाई पिल्लई को यह जिम्म्मेवारी सिंगापुर के राष्ट्रपति का छह साल का कार्यकाल पूरा होन के बाद प्रदान की गई है. 83 वर्षीय सिंगापुर के राष्ट्रपति टोनी टैन केंग याम 31 अगस्त 2017 को पडी से सेवानिवृत्त हो गए. भारतीय मूल के जे वाई पिल्लई राष्ट्रपति टोनी टैन केंग याम का स्थान लेंगे.
राष्ट्रपति सलाहकार परिषद के अध्यक्ष जे वाई पिल्लई सिंगापुर में नए राष्ट्रपति के निर्वाचित होने और शपथ ग्रहण होने तक पद पर बने रहेंगे. सिंगापुर में राष्ट्रपति के चुनाव हेतु 13 सितंबर को नामांकन किया जाएगा और 23 सितंबर को चुनाव होगा.
सिंगापुर के स्ट्रेट्स टाइम्स के अनुसार, राष्ट्रपति कार्यालय खाली होने पर संसद के सभापति के बाद राष्ट्रपति सलाहकार परिषद के अध्यक्ष को इसकी जिम्मेदारी प्रदान की जाती है
जे वाई पिल्लई के बारे में-
- जे वाई पिल्लई भारतीय मूल के जानेमाने पूर्व नौकरशाह हैं.
- जे वाई पिल्लई इससे पूर्व 60 बार इस जिम्मेदारी का निर्वाह कर चुके हैं.
- पिछली बार पिल्लई ने मई में यह जिम्मेदारी निभाई थी, उस वक्त टोनी टान यूरोप के दौरे पर गए थे.
इस पोस्ट पर सबसे ज्यादा दिनों तक पिल्लई 2007 में रहे, उस समय सिंगापुर के राष्ट्रपति एसआर नाथन अफ्रीका दौरे पर गए थे. तब पिल्लई ने 16 दिनों तक एक्टिंग प्रेसिडेंट की जिम्मेदारी निभाई.
सिंगापुर में वर्ष 1991 में जब से राष्ट्रपति चयन की प्रक्रिया आरम्भ हुई है, तब से यह पहली बार है जब राष्ट्रपति कार्यालय खाली हुआ है. राष्ट्रपति के विदेश यात्रा पर जाने के दौरान हर बार जे वाई पिल्लई कार्यवाहक राष्ट्रपति की जिम्मेदारी निभाते आ रहे हैं.
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