केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं संसदीय कार्य राज्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने 29 जुलाई 2017 को मुंबई में जियो पारसी पब्लिसिटी फेज-2 का शुभारम्भ किया.
मुंबई में ‘जियो पारसी पब्लिसिटी फेज-2’ के लॉन्च समारोह में नकवी ने कहा कि पारसी समुदाय का भारत के निर्माण में बहुमूल्य योगदान रहा है और पारसी समुदाय अपनी संस्कृति-संस्कार के लिए हमेशा से ही अन्य समुदायों के लिए एक "रोल मॉडल" रहा है. पारसी समुदाय ने ऐसे कई महान लोग दिए हैं जो “भारत निर्माण के आर्किटेक्ट” रहे हैं.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• नकवी ने कहा कि भारत में पारसी समुदाय भले ही जनसँख्या के लिहाज से छोटा अल्पसंख्यक समुदाय हो लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि पारसी समाज उदारवादी, शिक्षा के प्रति जागरूक एवं शांति-सौहार्द का उदाहरण है.
• पारसी समुदाय की घटती जनसँख्या चिंता का विषय है.
• भारत में पारसी समुदाय की घटती जनसँख्या को रोकने के लिए अल्पसंख्यक मंत्रालय "जियो पारसी" योजना चला रहा है.
• जियो पारसी पब्लिसिटी फेज-1 की शुरुआत 2013 में की गयी थी.
• यह योजना पारसी समुदाय की घटती जनसँख्या के प्रति जागरूकता लाने में सफल हो रही है.
• जियो पारसी योजना के माध्यम से 101 पारसी समुदाय के बच्चों का जन्म हुआ है.
• इस योजना का उद्देश्य वैज्ञानिक नवाचार और ढांचागत हस्तक्षेप अपनाकर पारसी आबादी के गिरते रुख को उलटना और भारत में पारसियों की जनसँख्या बढ़ाना है.
• इस योजना के तहत मंत्रालय द्वारा परामर्श एवं चिकित्सा सहायता मुहैय्या कराई जा रही है.
• जियो पारसी योजना की सफलता में पारज़ोर फाउंडेशन, बॉम्बे पारसी पंचायत और फेडरेशन ऑफ जोरास्ट्रियन अंजुमंस ऑफ इंडिया की महत्वूर्ण भूमिका है. ये संगठन सेमिनार, वर्कशॉप, मीडिया, जागरूकता अभियान आदि के माध्यम से इस योजना का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं.
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