भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा 04 अक्टूबर 2017 को इस वित्त वर्ष की चौथी मौद्रिक समीक्षा में रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया. आरबीआई ने इस वित्त वर्ष की चौथी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो रेट 6% पर बरकरार रखने का फैसला किया.
रेपो रेट वह ब्याज दर है जो आरबीआई सामान्य बैंकों को दिए गए कर्ज पर वसूलता है. इससे बैंकों के पास कर्ज देने के लिए 57,000 करोड़ रुपए ज्यादा उपलब्ध होंगे. इसके अतिरिक्त आरबीआई ने सरकारी बॉन्ड में बैंकों के निवेश की सीमा यानी एसएलआर 0.5% घटाकर 19.5% कर दिया है.
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भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि खुदरा महंगाई बढ़ने से कर्ज सस्ते नहीं किए गए हैं. अगस्त में महंगाई दर 3.36% थी जो पिछले माह में सबसे अधिक है.
आरबीआई ने वित्त वर्ष 2018 के लिए अनुमानित जीवीए 7.3 प्रतिशत से घटाकर 6.7 फीसदी किया. रिजर्व बैंक ने अक्टूबर-मार्च में रिटेल महंगाई दर 4.2-4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान जारी किया है. जनवरी-मार्च 2018 और अप्रैल-जून 2018 में रिटेल महंगाई दर 4.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है जबकि जनवरी-मार्च 2019 में रिटेल महंगाई दर 4.5 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया गया.
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