रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने 30 जुलाई 2017 को 755 अमरिकी राजनयिकों को रूस छोड़ने को कहा है. ये आदेश जारी करते हुए रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने कहा कि दोनों देशों के रिश्तों में अभी किसी सुधार की उम्मीद नहीं.
अमेरिकी सीनेट ने रूस पर प्रतिबंध और कड़ा करने के लिए एक बिल को मंजूर दी जिसे कथित तौर पर 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में दखल देने और 2014 क्रीमिया के राज्य हरण शामिल है. प्रतिबंध को लेकर इस बिल में ईरान और उत्तर कोरिया को भी निशाना बनाया गया है.
पुतिन ने एक टेलिविजन साक्षात्कार में कहा कि एक हज़ार से ज्यादा लोग अमेरिकी दूतावास और कॉन्सुलिट में काम कर रहे थे और अभी भी काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा की 755 लोगों को रूस में अपनी गतिविधियों को रोकना होगा.
इससे पहले रूस के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से अपने राजनयिकों की संख्या घटाने को कहा था. रूस ने राजनयिकों की संख्या घटाकर 455 पर लाने की बात कही थी. अमेरिका में भी रूस के इतने ही राजनयिक कार्यरत हैं.
रूस ने अमेरिकी राजनयिकों को मॉस्को समर हाउस और भंडारण सुविधा लेने पर भी रोक लगा दी है. अमेरिकी सीनेट ने 27 जुलाई 2017 को रूस पर प्रतिबंधों को लेकर नया बिल पास किया था. रूस पर यह कार्रवाई अमेरिकी चुनाव को प्रभावित करने और यूक्रेन में उसकी दखलंदाजी को लेकर की गई थी.
पुतिन ने आदेश दिया है ये सभी राजनयिक तुरंत रूस छोड़ दें. इससे पहले रूस के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से अपने राजनयिकों की संख्या घटाने को कहा था.
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