सऊदी अरब के व्यापार एवं उद्योग मंत्रालय ने योग को खेल गतिविधियों के रूप में मान्यता प्रदान की है. सऊदी अरब में योग को मिली इस मान्यता के पीछे नउफ मरवई को श्रेय दिया जा रहा है. नउफ मरवई ने इसके लिए लंबे समय तक अभियान भी चलाया. नउफ मरवई सऊदी अरब की पहली महिला योग प्रशिक्षक हैं.
अरबी योगाचार्य के रूप में मशहूर नउफ मरवई ने वर्ष 2010 में अरब योग फाउंडेशन की स्थापना की. उन्होंने जेद्दाह में रियाद-चाइनीज मेडिकल सेंटर खोल है, जहां आयुर्वेद और योग जैसे गैर-पारंपरिक तरीकों से मरीजों का उपचार किया जाता है. नउफ मरवई के अनुसार योग का धर्म से कोई लेना देना नहीं. यदि वहां कोई योग सिखाना या इसे बढ़ावा देना चाहे, तो लाइसेंस लेकर अपना काम शुरू कर सकता है.
इससे पहले 21 जून 2017 को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर सऊदी अरब के विभिन्न भारतीय स्कूलों में योग सत्र का आयोजन किया गया. इस्लाम धर्म को लेकर कट्टरपंथी रुख के लिए जाने जाने वाला सऊदी अरब निरंतर बदलाव कर रहा है. जिसमे महिलाओं को कर चलने की अनुमति और अन्य सुधार हैं.
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सऊदी के शाह सलमान बिन अब्दुल अजीज के बेटे और क्राउंस प्रिंस (वली अहद) मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले दिनों सऊदी अरब को 'उदारवादी इस्लाम' की तरफ ले जाने का वादा किया था. इसी सिलसिले में वहां महिलाओं के कार चलाने पर प्रतिबंध भी हटा लिया गया.
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27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को वैश्विक तौर पर स्वीकृति मिली. 21 जून को प्रति वर्ष विश्व भर में योग दिवस के रूप में मनाया जाता है. योग जिसका मतलब जोड़ होता है. यह शरीर से मन का मिलन, भावनाओं और आत्मा का मिलन का अभ्यास है.
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सऊदी अरब में हो रहे इन बदलावों को वहां के कुछ धर्मगुरुओं की तरफ से विरोध भी झेलना पड़ रहा है. पिछले दिनों झारखंड के रांची में योग सिखाने वाली रफिया नाज के खिलाफ एक मौलाना के फतवे के बाद कुछ लोगों ने पथराव कर दिया था.
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