सुप्रीम कोर्ट द्वारा 24 अक्टूबर 2017 को दिए आदेश के अनुसार दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र के उद्योगों में फर्नेस ऑयल तथा पेट कोक पर प्रतिबंध लगाया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर उचित कार्यवाही न करने पर केन्द्रीय पर्यावरण मंत्रालय पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया है.
कोर्ट की ओर से गठित कमिटी ने फरनेस ऑयल और पेट कोक को दिल्ली में प्रदूषण की सबसे बड़ी वजहों में से एक बताया था. कोर्ट ने फरवरी में पर्यावरण मंत्रालय को कदम उठाने को कहा था.
दिल्ली-एनसीआर में दिन-प्रतिदिन बढ़ रहे प्रदूषण के कारण सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति इनवायरमेंटल प्रोटेक्शन कंट्रोल अथॉरिटी ने अपने सख्त फैसले लेना आरंभ कर दिया है. समिति के प्रमुख भूरेलाल ने दिल्ली के सबसे प्रदूषित क्षेत्र आनंद विहार का दौरा कर वहां वायु प्रदूषण कम करने को लेकर निर्देश दिए
वर्तमान समय में दिल्ली में पीएम 2.5 और पीएम 10 खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. इस दौरान इनवायरमेंटल प्रोटेक्शन कंट्रोल अथॉरिटी ने कहा है कि इसके लिए सड़कों की धूल बड़ा कारण है.
पीएम 10 का सामान्यक लेवल 100 माइक्रो ग्राम क्यूंबिक मीटर (एमजीसीएम) होना चाहिए जबकि यह 900 तक पहुंच चुका है. इसी तरह पीएम 2.5 का नॉर्मल लेवल 60 एमजीसीएम होता है लेकिन यह यहां 500 तक पहुंच गया है.
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