केंद्रीय मंत्रिमडल ने 22 नवम्बर 2017 को केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (सीपीएसई) के कामगारों के लिए मजदूरी समझौते के आठवें चरण के लिए मजदूरी नीति को मंजूरी दी है. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई.
देश भर में 320 सीपीएसई में लगभग 12.34 लाख कर्मचारी है. इनमें से लगभग 2.99 लाख कर्मचारी बोर्ड स्तर और बोर्ड स्तर से नीचे के एक्जेक्यूटिव और गैर-यूनियनकृत पर्यवेक्षक हैं. शेष लगभग 9.35 लाख कर्मचारी यूनियनकृत कामगारों की श्रेणी में आते हैं.
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मजदूरी नीति की मुख्य विशेषताएं:
- सीपीएसई के लिए मजदूरी संशोधन की किफायतता और वित्तीय धारणीयता को ध्यान में रखते हुए ऐसे सीपीएसई का प्रबंधन ऐसे कामगारों के मजदूरी में संशोधन करने हेतु स्वतंत्र होगा, जहां पाँच वर्षों या दस वर्षों की मजदूरी अदायगी की अवधि 31 दिसम्बर 2016 को समाप्त हो गई है.
- केंद्रीय सरकार द्वारा मजदूरी में बढ़ोतरी के लिए कोई भी बजटीय सहायता नहीं दी जाएगी. सम्पूर्ण वित्तीय भार संबंधित सीपीएसई द्वारा उसके आंतरिक संसाधनों से वहन किया जाएगा.
- सीपीएसई के लिए सरकार ने पुनर्सरंचना या पुनर्उत्थान योजना के लिए मंजूरी दे दी है, उनमें मजदूरी में संशोधन मंजूर की गई पुनर्सरंचना या पुनर्उत्थान योजना के प्रावधानों के अनुसार ही किया जाएगा.
- सीपीएसई के प्रबंधन को यह सुनिश्चित करना होगा कि वेतन के पराक्रमित स्केल उसके एक्जेक्यूटिव या अधिकारियों और गैर-यूनियनकृत अधीक्षकों के वर्तमान वेतनमान से अधिक नहीं होंगे.
- सीपीएसई को यह सुनिश्चित करना जरूरी है समझौते के बाद मजदूरी में कोई भी बढ़ोतरी से उनकी वस्तुओं और सेवाओं की प्रशासित कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी.
- मजदूरी संशोधन इस शर्त के अधीन किया जाएगा कि उत्पादन की प्रति भौतिक इकाई की मजदूरी लागत में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी. कुछ विशेष मामलों को छोड़कर जहां सीपीएसई पहले से ही ईष्टतम क्षमता पर काम कर रही हो, वहां प्रशासनिक मंत्रालय या विभाग उद्योग के मानदंडों पर विचार करते हुए डीपीई पर सुझाव दे सकता है.
- सीपीएसई समझौता की गई मजदूरियों को अपने प्रशासनिक मंत्रालय या विभाग के साथ यह सुनिश्चित करने के पश्चात ही लागू करेगी कि मजदूरी समझौता मंजूर किए गए मानदंडों के अनुरूप है.
- मजदूरी समझौते की वैधता अवधि ऐसे लोगों के लिए कम से कम पाँच साल होगी, जिन्होंने पाँच वर्ष की आवधिकता का चयन किया है और जिन व्यक्तियों ने मजदूरी समझौते की आवधिकता हेतु दस वर्ष की अवधि का चयन किया है उनके लिए अधिकतम अवधि दस वर्ष होगी. यह 01 जनवरी 2017 से लागू होगी.
यूनियनकृत कामगारों के संबंध में मजदूरी संशोधन को मजदूरी समझौते के लिए सार्वजनिक उद्यम विभाग (डीपीई) द्वारा जारी दिशा-निर्देशों की शर्तों के अनुसार सीपीएसई के व्यापार संघों और प्रबंधनों द्वारा निर्धारित किया जाता है.
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स्रोत (पीआईबी)
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