विश्व बैंक ने 31 अक्टूबर 2017 को वैश्विक कारोबार सुगमता रिपोर्ट जारी की. इस रिपोर्ट के अनुसार भारत 100वें स्थान पर मौजूद है. व्यापार करने में सुगमता की सूची में भारत ने 30 पायदान का सुधार करते हुए 100वां स्थान हासिल किया.
रैंकिंग जारी होने के पश्चात् केंद्र सरकार ने घोषणा की कि वे देश को आने वाले वर्षों में कारोबार सुगमता के मामले में शीर्ष 50 देशों में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के समय भारत की रैंकिंग 142 थी जो पिछले वर्ष 130 थी.
ब्रिक्स देशों की सूची में रूस पहले स्थान पर मौजूद है, वह 35वें स्थान पर है. उसके बाद चीन लगातार दूसरे वर्ष 78वें स्थान पर मौजूद है. रिपोर्ट लिखने वालों ने कहा कि भारत इस वर्ष का सबसे बड़ा आश्चर्य है. इस संदर्भ में भारत 4.71 अंक से बढ़कर 60.76 अंक पर पहुंच गया.
मुख्य बिंदु
• विश्व बैंक ने रिपोर्ट ‘डूइंग बिजनेस 2018: रिफार्मिंग टू क्रिएट जॉब्स’ में कहा कि भारत की रैंकिंग 2003 से अपनाये गये 37 सुधारों में से करीब आधे का पिछले चार साल में किये गये क्रियान्वयन को प्रतिबिंबित करता है.
• भारत पिछले साल 190 देशों की सूची में 130वें स्थान पर था. इस साल के आकलन में यह शीर्ष 10 सुधारकर्ता देशों में एक है.
• कारोबार सुगमता के 10 संकेतकों में से आठ में सुधारों को क्रियान्वित किया गया.
• यह पहला मौका है जब भारत इस मामले में पहले 100 देशों में शामिल हुआ है.
• भारत निवेशकों के संरक्षण के मामले में विश्व में चौथे स्थान (पिछले वर्ष 13वें स्थान) पर आ गया.
• कर्ज उपलब्धता रैंकिंग 44 से सुधरकर 29 पर आ गयी जबकि कर भुगतान सुगमता के मामले में रैंकिंग 172वें से सुधकर 119वें स्थान पर आ गयी.
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