विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 13 अगस्त 2017 को सोमालिया को पोलियो मुक्त घोषित किया. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने घोषणा की कि सोमालिया में पिछले तीन वर्षों में एक भी पोलियो का मामला सामने नहीं आया.
इस घोषणा से सोमालिया अब उन चुनिंदा देशों की सूची से बाहर हो गया है जहां आज भी पोलियो की समस्या मौजूद है. अफगानिस्तान, नाइजीरिया एवं पाकिस्तान अब भी इस सूची में शामिल हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार वर्ष 2014 में सोमालिया के केन्द्रीय इलाकों में अंतिम बार पोलियो का मामला दर्ज किया गया. इसके बाद से यह देश इस बीमारी से मुक्त है.
इसके अलावा, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोमालिया को चेताया है कि देश को बीमारी रहित रखने के लिए टीकाकरण अभियान जारी रखना होगा.
भारत को 13 जनवरी 2014 को पोलियो मुक्त घोषित किया गया था. किसी भी देश को पोलियो मुक्त होने का दर्जा तब दिया जाता है जब उसमें लगातार 3 साल तक पोलियो का कोई नया मामला सामने नहीं आता है. पश्चिम बंगाल के हावड़ा में रहने वाली रुखसार जो कि 2011 में 2 वर्ष की थी, भारत में पोलियो की अंतिम पीड़िता थी.
पोलियो
• पोलियो को 'पोलियोमेलाइटिस' भी कहा जाता है.
• पोलियो मुख्य रुप से छोटे बच्चोँ को 1 से 5 वर्ष तक की उम्र में होता है.
• यह रोग मुख्य रूप से एक प्रकार के वायरस के कारण होता है जो कि नवजात शिशुओं या 5 वर्ष तक के बच्चों के शरीर में प्रवेश करने पर होता है.
• सबसे पहले वर्ष 1840 में जैकब हाइन ने एक विशिष्ट परिस्थिति के रूप में पहचाना. इसके बाद वर्ष 1908 में कार्ल लैंडस्टीनर द्वारा इसके कारणात्मक एजेंट, पोलियो विषाणु की पहचान की गई.
• 1910 तक, विश्व के अधिकतर हिस्से इसकी चपेट मे आ गये थे और दुनिया भर मे इसके शिकारों में वृद्धि दर्ज की गयी.
• जोनास सॉल्क के 1952 और अल्बर्ट साबिन के 1962 मे विकसित बहुतृषा के टीकों के कारण विश्व में इसके मरीजों मे कमी दर्ज की गयी.
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