11 जुलाई 2017: अंतरराष्ट्रीय जनसंख्या दिवस
विश्व भर में 11 जुलाई 2017 को जनसंख्या दिवस मनाया गया. इस अवसर पर देश-विदेश में विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किये गये. इस दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य लोगों को बढ़ती जनसंख्या से सम्बंधित विभिन्न मुद्दों से परिचित कराना है. लोगों को परिवार नियोजन, मातृ स्वास्थ्य, लिंग समानता, गरीबी और मानव अधिकारों के प्रति जागरुक किया जाता है.
वर्ष 2017 में मनाये जा रहे विश्व जनसंख्या दिवस का विषय है, ‘परिवार नियोजन – लोगों का सशक्तिकरण, देश का विकास.’ इस विषय से लोगों को परिवार नियोजन के महत्व को बताया जाता है तथा बच्चों के जन्म के उचित अंतराल के बारे में जागरुक किया जायेगा.
विश्व जनसंख्या दिवस का महत्व
यह एक प्रकार का जागरुकता दिवस है जिसमें परिवार नियोजन के महत्व को समझा जाता है. लैंगिक समानता, माता और बच्चे का स्वास्थ्य, गरीबी, मानव अधिकार, स्वास्थ्य का अधिकार, लैंगिकता शिक्षा, गर्भनिरोधक दवाओं का इस्तेमाल और गर्भनिरोधक उपाय आदि भी इस दिवस पर बताये जाने वाले प्रमुख विषय हैं.
इसके अतिरिक्त जनसंख्या से जुड़े अन्य गंभीर मुद्दे जैसे जननी स्वास्थ्य, कम उम्र में गर्भधारण, बालिका शिक्षा, बाल विवाह, यौन संबंधी फैलने वाले इंफेक्शन आदि पर चर्चा भी की जाती है. यह चर्चा इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि वर्तमान समय में 15 से 19 वर्ष के किशोरों के बीच गर्भधारण के मामले बढ़ते जा रहे हैं. इस आयु में शारीरिक रूप से अपरिपक्व होने से नवजात तथा जन्म देने वाली बालिका पर मृत्यु का खतरा सबसे अधिक होता है. संयुक्त राष्ट्र के आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछेक वर्षों में इस उम्र की लगभग 15 मिलियन महिलाओं ने बच्चों को जन्म दिया साथ ही 4 मिलियन ने गर्भपात कराया
पृष्ठभूमि
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की संचालक परिषद (यूएनडीपी) द्वारा वर्ष 1989 से इसकी शुरुआत की गयी. इसे उस समय आरंभ किया गया जब विश्व की जनसंख्या 5 अरब के आसपास हो गई थी. इस दिवस द्वारा समय-समय पर प्रजनन संबंधी स्वास्थ देख-रेख की माँग, बच्चों के स्वास्थ्य तथा गरीबी को घटाने के विषयों पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते रहे हैं. दिसंबर 1990 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रस्ताव 45/216 पारित करके प्रत्येक वर्ष 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाये जाने का निर्णय लिया गया.
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