स्कॉटलैंड में विश्व की पहली तैरती हुई पवन चक्की का एक फार्म बनाये जाने का कार्य आरंभ किया गया. यह फार्म समुद्र में बनाया जा रहा है जहां विभिन्न पवन चक्कियां लगाई जाने की योजना है.
स्कॉटलैंड द्वारा बनाये गये इस फार्म का नाम हाईविंड रखा गया है. स्कॉटलैंड की इस परियोजना के बारे में विश्वभर में चर्चा की जा रही है क्योंकि यह उर्जा उत्पादन तो करेगी ही साथ ही पर्यावरण अनुकूल भी होगी.
हाईविंड फार्म
• हाईविंड फॉर्म एक प्रायोगिक परियोजना है और इससे 20 हजार घरों को ऊर्जा मिलेगी. इसकी टर्बाइन ब्रिटेन की बिग बेन से भी ऊंची होंगी.
• इस परियोजना पर बड़ी तेजी से काम चल रहा है. मीडिया में प्रकाशित खबरों के अनुसार यहां एक टर्बाइन को स्थापित किया जा चुका है, जबकि चार अतिरिक्त टर्बाइन को जल्द यहां लगाया जाएगा.
• ब्लेड सहित टावर की कुल ऊंचाई 175 मीटर होगी.
• प्रत्येक टावर का वजन 11,500 टन होगा.
• प्रत्येक ब्लेड 75 मीटर लंबी होगी जो किसी एयरबस के पंखों के बराबर है.
पवन चक्की (windmill)
पवन चक्की हवा के बहाव की उर्जा लेकर विद्युत उर्जा उत्पन्न करती है. यह हवा के रैखिक गति को पंखों की घूर्णीय गति में बदल देती है. इससे पवन टर्बाइन चलाकर विद्युत पैदा की जा सकती है अथवा पीसने, पल्प बनाने एवं अन्य यांत्रिक कार्य किये जा सकते हैं.
लगभग 14वीं शताब्दी तक, डच पवन चक्की का प्रयोग राइन नदी के डेल्टाई क्षेत्र में निकासी के लिए होता था. 1900 के दशक तक डेनमार्क में, पंपों और मिलों जैसे यांत्रिक लोड के लिए लगभग 2500 पवन चक्कियां थीं, अनुमानित रूप से ये सब लगभग 30 मेगावाट बिजली का उत्पादन करतीं थी. बिजली पैदा करनेवाली पहली ज्ञात पवन चक्की 1887 में स्कॉटलैंड में जेम्स ब्लीथ द्वारा स्थापित की गयी थी.
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