भारत सरकार ने आपराधिक कानून में संभावित संशोधनों के बारे में सुझाव देने के लिए भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति जेएस वर्मा की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय समिति का गठन किया. इसका गठन भारत सरकार के गृहमंत्रालय द्वारा 23 दिसंबर 2012 को किया गया.
इस समिति के अन्य सदस्य हिमाचल प्रदेश की पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति लीला सेठ और भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम हैं. इस समिति को 30 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी है.
विदित हो दिल्ली में पैरा मेडिकल छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने मौजूदा कानूनों की समीक्षा करने की आवश्यकता पर गंभीरता से विचार किया है, जिससे संगीन यौन अपराधों के मामलों में जल्दी निर्णय मिले और अपराधियों को कड़ी सज़ा दिया सके.
भारत सरकार ने आपराधिक कानून में संभावित संशोधनों के बारे में सुझाव देने के लिए भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति जेएस वर्मा की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय समिति का गठन किया. इसका गठन भारत सरकार के गृहमंत्रालय द्वारा 23 दिसंबर 2012 को किया गया.
इस समिति के अन्य सदस्य हिमाचल प्रदेश की पूर्व मुख्य न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) न्यायमूर्ति लीला सेठ और भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम हैं. इस समिति को 30 दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी है.
विदित हो दिल्ली में पैरा मेडिकल छात्रा के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म की घटना को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने मौजूदा कानूनों की समीक्षा करने की आवश्यकता पर गंभीरता से विचार किया है, जिससे संगीन यौन अपराधों के मामलों में जल्दी निर्णय मिले और अपराधियों को कड़ी सज़ा दिया सके.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation