केंद्र सरकार ने चालू खाता घाटे को कम करने के लिए सोने, चांदी और प्लेटिनम पर सीमा शुल्क 13 अगस्त 2013 को बढ़ा दिया. सोने और प्लेटिनम पर इसे 8 प्रतिशत से बढा कर 10 प्रतिशत कर और चांदी पर सीमा शुल्क 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया. चालू खाता घाटे पर नियंत्रण के सरकार के उपायों के तहत ऐसा किया गया.
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कच्चे सोने के बिस्कुट (कोर बिस्कुट)और उसके अयस्क पर भी आयात शुल्क 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत किया. कच्ची चांदी की सिल्ली पर शुल्क 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 7 प्रतिशत किया गया. डोर बिस्कुट सोने और चांदी की मिश्र धातुएं होती हैं, जिन्हें आयात कर उनका परिशोधन किया जाता है. इसलिए परिशोधित सोने के बिस्कुटों पर उत्पाद शुल्क 7 प्रतिशत से बढ़ाकर 9 प्रतिशत किया गया. इसी तरह अयस्क से तैयार चांदी पर भी आयात शुल्क 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 8 प्रतिशत किया गया.
विदित हो कि केंद्र सरकार को उम्मीद है कि इससे इन कीमती धातुओं का आयात घटेगा और वह सीएडी को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.7 प्रतिशत तक सीमित कर सकेगी. वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान सीएडी 4.8 प्रतिशत रहा था. इन कीमती धातुओं पर आयात शुल्क बढ़ाने से राजकोष में अतिरिक्त 4830 करोड़ रुपये का राजस्व आना है.
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