निताकत: सउदी अरब की नई श्रम नीति निताकत में सभी स्थानीय कंपनियों को हर 10 बाहरी कामगारों के बदले एक सउदी नागरिक को काम पर रखना अनिवार्य कर दिया गया है.
सऊदी अरब में नई श्रम नीति लागू होने से वहां काम कर रहे लाखों प्रवासी भारतीयों के सामने बेरोजगारी का खतरा पैदा हो गया है. हमारे देश के 25 लाख लोग सऊदी अरब एवं कुवैत में काम कर रहे हैं. सऊदी अरब की अर्थव्यवस्था निजी व सार्वजनिक उपक्रमों में प्रवासियों की मौजूदगी पर निर्भर है, बावजूद इसके वहां बेरोजगारी बहुत ज्यादा है. इसी समस्या से निजात पाने के लिए नई श्रम नीति लागू की गई है, जिसे निताकत नाम दिया गया है.
निताकत कानून की मुख्य विशेषताएं
• इस कानून के अनुसार, कम से कम 49 कर्मचारियों वाली निजी कंपनियों में 10 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देना बाध्यकारी बना दिया गया है.
• निताकत के तहत श्रम बाजार को 41 गतिविधियों (कामों) में बांटा गया है और हर काम की पांच श्रेणियां-विशाल, बड़ा, मध्यम, लघु एवं अति लघु बनाई गई हैं. इस प्रकार कुल 205 श्रेणियां बनाई गई हैं.
• इस नीति के तहत कंपनियों द्वारा रोजगार के स्थानीयकरण का मूल्यांकन किया जाना है और उन्हें एक्सीलेंट, ग्रीन, येलो एवं रेड ग्रेड प्रदान किए जाने हैं.
• उच्चतम स्तर पर स्थानीय लोगों को रोजगार देने वाली कंपनियों को कई तरह की राहत एवं प्रोत्साहन दिए जाने हैं, जबकि रोजगार का कम स्थानीयकरण करने वाली कंपनियों पर स्थानीय लोगों को रोजगार देने का दबाव डाला जाना है और उन्हें नया वर्क परमिट भी नहीं दिया जाना है.
विदित हो कि बेरोजगारी से निजात के लिए सऊदी अरब में वर्ष 1994 में सऊदीकरण की नीति लागू की गई थी, जिसके तहत 30 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देने का प्रावधान किया गया था. लेकिन वह हर तरह की गतिविधियों के लिए व्यावहारिक नहीं था, क्योंकि विभिन्न कामों के लिए योग्य स्थानीय श्रमिक नहीं मिलते थे. इसलिए यह नई नीति लागू की गई है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation