भारत और अमेरिका के बीच चौथी रणनीतिक वार्ता नई दिल्ली में 24 जून 2013 को सम्पन्न हुई. बैठक की अध्यक्षता भारत के विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन कैरी ने की. जॉन कैरी उच्चस्तरीय शिष्टमण्डल के साथ 23 जून 2013 को तीन दिन की भारत यात्रा हेतु नई दिल्ली पहुंचे थे. अमेरिकी शिष्टमण्डल में अमेरिकी ऊर्जा सचिव, नासा के निदेशक, प्रशान्त क्षेत्र से सम्बद्ध अमेरिकी सैन्य प्रमुख और विदेश तथा आतंरिक सुरक्षा विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे.
विदेश मंत्री बनने के बाद जॉन कैरी की यह पहली भारत यात्रा रही. राष्ट्रपति बराक ओबामा के दूसरे कार्यकाल में यह भारत के साथ पहली उच्चस्तरीय राजनीतिक वार्ता थी.
भारत और अमेरिका के मध्य चौथी वार्ता के मुख्य बिंदु
• दोनों देशों ने असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को पूरी तरह और समय से लागू करने का संकल्प दोहराया.
• अमेरिकी विदेश मंत्री और भारतीय नेताओं के बीच बातचीत की कार्यसूची में ऊर्जा और उच्च शिक्षा के अलावा आपसी व्यापार, रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में सहयोग शामिल रहा.
• भारत ने एच वन बी और एल श्रेणी वीजा के बारे में अपनी चिंताओं से भी अमेरिका को अवगत करवाया. भारतीय उद्योग विशेषकर आईटी क्षेत्र में वीजा का मुद्दा गंभीर चिंता का विषय है. बाजार में प्रवेश, परमाणु दायित्व विधेयक और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के इंटरनेट स्नूपिंग कार्यक्रम जैसे मुद्दे भी बातचीत में उठाए गए.
• अमेरिका ने भारत को आश्वस्त किया कि प्रस्तावित अफगान- तालिबान वार्ता में उसकी चिंताओं का ध्यान रखा जाना है.
• इसी के साथ भारत, कतर में तालिबान का कार्यालय खुलने के बारे में भी अमेरिका से जानकारी ली गई.
• वार्ता में वर्ष 2014 में काबुल से अमेरिकी और नाटो सैनिकों को चरणबद्ध तरीके से हटाए जाने को देखते हुए अफगानिस्तान के बारे में मुख्य रूप से बातचीत की गई.
विदित हो कि दोनों देशों के मध्य रणनीतिक वार्ता एक प्रमुख व्यवस्था है, जिससे दोनों देशों को वर्ष 2012 की वार्ता के बाद संबंधों की स्थिति की समीक्षा करने का अवसर मिलता है.
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