मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) ने 13 फरवरी 2015 को पूर्व भारतीय क्रिकेट कप्तान सौरव गांगुली को मानद आजीवन सदस्यता प्रदान की. वे जुलाई 2014 से एमसीसी विश्व क्रिकेट समिति के सदस्य हैं.
सौरव गांगुली ने 16 वर्ष तक भारत के लिए खेलने के बाद वर्ष 2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से सन्यास लिया था. गांगुली ने वर्ष 1996 में लॉर्डस में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण करते हुए पहली पारी में 131 रन बनाए थे.
वर्ष 2002 में गांगुली के नेतृत्व में भारत ने लॉर्ड्स् में इंग्लैंड को हराकर नेटवेस्ट सीरीज का फाइनल जीता था. यह लॉर्ड्स में जीता गया एक एतिहासिक मैच था.
सौरव गांगुली के बारे में
• गांगुली ने अपने 16 वर्ष के खेल कैरियर के दौरान टेस्ट में 42.17 के औसत से 7212 रन और एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय (वनडे) में 41.02 की औसत से 11363 रन बनाए.
• गांगुली ने टेस्ट और वनडे के 424 मैचों में 132 विकेट भी लिए हैं.
• गांगुली ने वर्ष 2000 से 2006 के बीच 195 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत का नेतृत्व किया और वर्ष 2003 के विश्व कप फाइनल में भी भारत का नेतृत्व किया था. भारत यह मैच ऑस्ट्रेलिया से हार गया था.
• सौरव गांगुली ने वर्ष 2007 में एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट, वर्ष 2008 में टेस्ट क्रिकेट और वर्ष 2012 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से सन्यास लिया था.
• गांगुली को वर्ष 2004 में पद्म श्री और वर्ष 2013 में पश्चिम बंगाल सरकार ने बंगा विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
एमसीसी की मानद आजीवन सदस्यता प्राप्त करने वाले अन्य भारतीय क्रिकेटर
मानद आजीवन सदस्यता प्राप्त करने वाले दूसरे भारतीय क्रिकेटर में नारी कांट्रेक्टर (1969), आरएफ सुरती (1978), एमवी चांदगडकर (1978), अल वाडेकर (1978), सीजी बोर्डे (1981), एफएम इंजीनियर(1981), आरजी नाडकर्णी (1981), बी एस बेदी (1982), बी एस चंद्रशेखर (1982), ईएएस प्रसन्ना (1984), एस वेंकटराघवन (1988), जीआर विश्वनाथ (1990), एम अमरनाथ (1993), एसएम गावस्कर (1993), डीबी वेंगसरकर (1993) कपिल देव (1995), सैयद किरमानी (1995), आरजे शास्त्री (1995), जे डालमिया (1997), किरन मोरे (1999), राहुल द्रविड़ (2008), अनिल कुंबले (2008), सचिन तेंदुलकर (2010) और सौरव गांगुली (2015) शामिल हैं.
मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी)
मेरिलबोन क्रिकेट क्लब (एमसीसी) दुनिया का सबसे सक्रिय क्रिकेट क्लब है और यह लॉर्डस क्रिकेट मैदान के स्वामित्व में है. यह क्रिकेट के नियमों का संरक्षक भी है.
यह वर्ष 1787 में स्थापित किया गया था और स्थापना से इसको क्रिकेट के नियमों के संरक्षक के रूप में मान्यता प्राप्त है. एमसीसी समिति क्रिकेट में एक लंबे समय तक विशेष योगदान देने वाले व्यक्तियों को एमसीसी की मानद आजीवन सदस्यता से सम्मानित करती है.
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