भारत में 46वां नौसेना दिवस 4 दिसंबर 2017 को मनाया गया. इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की रक्षा हेतु भारतीय नौसेना के समर्पण की सराहना की.
देश की तीन सेनाओं में से एक नौसेना अपने सर्वश्रेष्ठ स्वरूप में है. अपनी क्षमताओं में लगातार इजाफा करते हुए यह आज विश्व की सबसे बड़ी नौसेनाओं में शामिल है. इसके पास बड़ी संख्या में युद्धपोत और अन्य जहाज हैं, जिनमें से अधिकतर स्वदेशी हैं.
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नौसेना दिवस के बारे में:
• वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान कराची हार्बर पर भारतीय नौसेना के ऑपरेशन ट्राइडेंट की सफलता के उपलक्ष्य में हर साल नौसेना दिवस मनाया जाता है. इस यु्द्ध में पहली बार जहाज पर मार करने वाली एंटी शिप मिसाइल से हमला किया गया था.
• भारतीय नौसेना के एक रात के हमले में पाकिस्तान के सबसे बड़े कराची बंदरगाह पर तीन जहाज डूब गए. ऑपरेशन ट्राइडेंट के दौरान पहली बार एंटी शिप मिसाइलों का प्रयोग किया गया.
• भारतीय नौसेना की उपलब्धियों और वीर सैनिकों के बलिदान के सम्मान में हर साल 4 दिसंबर को नौसेना दिवस मनाया जाता है.
भारतीय नौसेना:
भारतीय सेना का सामुद्रिक अंग है जो अपने गौरवशाली इतिहास के साथ भारतीय सभ्यता एवं संस्कृति की रक्षक है. लगभग 58,000 नौसैनिकों से सुसज्जित यह विश्व की पाँचवी सबसे बड़ी नौसेना भारतीय सीमा की सुरक्षा को प्रमुखता से निभाते हुए विश्व के अन्य प्रमुख मित्र राष्ट्रों के साथ सैन्य अभ्यास में भी सम्मिलित होती है. भारतीय नौसेना की अधिकृत शुरुआत 5 सितंबर 1612 को हुई थी.
आधुनिक भारतीय नौ सेना की नींव 17वीं शताब्दी में रखी गई थी. भारतीय नौ सेना का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है और यह मुख्य नौ सेना अधिकारी- एडमिरल के नियंत्रण में होता है. भारतीय नौ सेना 3 क्षेत्रों की कमांडों के तहत तैनात की गई है, जिसमें से प्रत्येक का नियंत्रण एक फ्लैग अधिकारी द्वारा किया जाता है.
आई.एन.एस. 'विक्रांत' भारत का पहला विमानवाही पोत था. इसे वर्ष 1961 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया और जनवरी 1997 में सेवामुक्त कर दिया गया. भारतीय नौसेना सैन्य अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) और अन्य सरकारी सार्वजनिक क्षेत्रों की मदद से अपनी प्रमुख पनडुब्बी प्रणाली, हथियार और सेंसर प्रणाली के क्षेत्र में लगातार तरक़्क़ी कर रही है.
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