चीन ने 28 सितम्बर 2017 को स्टेल्थ जे-20 जेट को वायुसेना में शामिल करने की घोषणा की. ये लड़ाकू विमान रडार में दिखाई नहीं देता है. यही खासियत उसे दूसरे विमानों से अलग करती है. जे-20 चीन की चौथी पीढ़ी का लड़ाकू विमान है.
ये मध्यम और लंबी दूरी तक मार करने वाला विमान है. ये पहली बार वर्ष 2011 में आकाश में देखा गया. जुहाई गुआंग्डोंग प्रांत में चीन के 11वें एयर शो के मौके पर लोगों को दिखाया गया. ये शो नवंबर 2016 में आयोजित किया गया था.
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जे-20 जेट वायुसेना में शामिल होने से चीन और भारत के लड़ाकू बेड़े के बीच संतुलन स्थापित हो सकेगा. दो इंजन वाले जेट को चेंगदू एयरोस्पेस कॉरपोरेशन ने बनाया है. पाकिस्तान इस विमान को हासिल करने के लिए अपनी इच्छा जाहिर कर चुका है.
उल्लेखनीय है कि अमेरिकी सेना एफ-22 राप्टर का इस्तेमाल करती है. ये पांचवी पीढ़ी का स्टेल्थ जेट है. वर्ष 2014 में अमेरिका-चीन आर्थिक और रक्षा समीक्षा आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि जे-20 एशिया पेसिफिक देश में इस्तेमाल होने वाले विमानों की तुलना में ज्यादा सक्षम है. इसके होने से चीन की सेना की मारक क्षमता में बहुत ज्यादा इजाफा होता है. अमेरिकी वायुसेना के पास एफ-22 रैप्टर विमान है जो पांचवीं पीढ़ी का रडार से बचने में सक्षम अत्याधुनिक लड़ाकू विमान है.
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