रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेलवे में व्यापक बदलाव हेतु महत्वपूर्ण निर्णयों की घोषणा की

Sep 29, 2017, 12:19 IST

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा की रेलवे भारतीय यात्रियों के लिए सुरक्षा, गति एवं सेवा के उच्‍च मानक सुनिश्चित करने के साथ-साथ राष्‍ट्र के विकास में अहम योगदान देने के लिए भी प्रतिबद्ध है.

Railways Reform
Railways Reform

केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने 28 सितम्बर 2017 को भारतीय रेलवे में व्‍यापक बदलाव हेतु महत्‍वपूर्ण निर्णयों की घोषणा की. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में कहा कि रेलवे प्रभावी और तेज सेवाएं सुनिश्चित करने पर काम कर रहा है. उन्होंने कहा कि 01 नवंबर 2017 से करीब 700 रेलगाड़ियों की गति तेज करने का प्रस्ताव है. इससे 48 मेल एक्सप्रेस रेलगाड़ियों को सुपरफास्ट श्रेणी में बदलने में मदद मिलेगी.

रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा की रेलवे भारतीय यात्रियों के लिए सुरक्षा, गति एवं सेवा के उच्‍च मानक सुनिश्चित करने के साथ-साथ राष्‍ट्र के विकास में अहम योगदान देने के लिए भी प्रतिबद्ध है. रेल मंत्री पीयूष गोयल द्वारा घोषित किए गए अनेक निर्णयों का उल्‍लेख निम्न है:

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यात्री सुरक्षा को सर्वोच्‍च प्राथमिकता:

सुरक्षा को उच्‍च एवं स्‍पष्‍ट प्राथमिकता, नई लाइनों या आमान परिवर्तन या पटरियों के आवंटन के मुकाबले पटरी नवीकरण को प्राथमिकता, अधिकारियों द्वारा क्षेत्रीय निरीक्षण पर विशेष जोर, शेष 5,000 मानव रहित लेवल क्रॉंसिंग को समयबद्ध ढंग से हटाना, अगले साल से आईसीएफ कोच के बजाय एलएचबी कोचों को इस्‍तेमाल में लाना, सुरक्षा व्‍यवस्‍था बेहतर करने हेतु रेल के डिब्‍बों और स्‍टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रावधान, जिससे विशेषकर महिलाएं एवं वरिष्‍ठ नागरिक लाभान्वित होंगे.

वर्तमान सिग्‍नल प्रणाली को बेहतर किया जाएगा – टीपीडब्‍ल्‍यूएस (रेल सुरक्षा एवं चेतावनी प्रणाली और एमटीआरसी (मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार) का उपयोग किया जाएगा. उपनगरीय और लम्‍बी दूरी की रेलगा‍डि़यों में अत्‍या‍धुनिक सिग्‍नल प्रणाली लगाने पर विचार किया जायेगा. खामियों इत्‍यादि का पता लगाने हेतु कैमरा, अल्‍ट्रासोनिक फ्रीक्‍वेंसी डिटेक्‍शन जैसी प्रौद्योगिकी का उपयोग करना.

ड्यूटी के दौरान सभी आरपीएफ कर्मचारियों और टीटीई को उचित वर्दी में रहना होगा,ताकि पारदर्शिता लाई जा सके. आरपीएफ कर्मचारी टिकट चेकिंग नहीं करेंगे क्‍योंकि यह टीटीई का काम है. हालांकि वे टिकट चेकिंग दल की सहायता करेंगे.

ऊर्जा दक्षता:

अगले 4-5 वर्षों में विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया जाएगा. इससे ऊर्जा लागत में 10,000 करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा की राशि की बचत होगी. इसके साथ ही प्रदूषण घटेगा और आयातित डीजल पर निर्भरता भी कम होगी.

स्‍टेशनों का तेजी से पुनर्विकास:

दिसंबर 2018 तक लगभग 20 स्‍टेशनों का आधुनिकी‍करण काफी तेजी से पूरा हो जाएगा जहां बेहतर बुनियादी ढांचागत एवं यात्री सुविधाएं होंगी. इनमें होटल, भोजनालय, शॉपिंग, विकलांग यात्रियों के अनुकूल सुविधाएं, मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट हब, सुरक्षा इत्‍यादि की व्‍यवस्‍था होगी.

बहुपयोगी केंद्रों के रूप में रेलवे स्‍टेशन:

ऐसे अनेक स्‍टेशनों का इस्‍तेमाल योग सेंटर, कौशल प्रशिक्षण उद्देश्‍य, शैक्षणिक उद्देश्‍यों जैसी गतिविधियों के लिए बहुपयोगी केंद्रों के रूप में करने का प्रस्‍ताव है जहां दिनभर में कुछ ही ट्रेनें आती हैं.

क्षेत्रीय कर्मचारियों के कल्‍याण पर ध्‍यान केंद्रित करना:

ग्रुप डी श्रेणी के कर्मचारियों के कामकाज की स्थितियों को बेहतर करना. उदाहरण के लिए, गैंग-मैन को आरामदेह वर्दी और बेहतर गुणवत्‍ता वाले जूते दिए जाएंगे क्‍योंकि पटरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्‍मेदारी इन्‍हीं पर होती है और उन्‍हें किसी विशेष दिन औसतन लगभग 15-16 किलोमीटर चलना पड़ जाता है. उनके आवासीय क्‍वार्टरों (गैंग हट) को भी बेहतर किया जाएगा. लोको चालकों के रनिंग रूम को वातानुकूलित किया जा रहा है.

परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के जरिए रेलवे के राजस्व में वृद्धि:

रेल परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण से वित्‍तीय स्थिति और परिचालन अनुपात बेहतर होगा. इसके अलावा, महत्‍वपूर्ण रेल परियोजनाओं के लिए संसाधन उपलब्‍ध होंगे. भूमि के मुद्रीकरण को आकर्षक बनाकर यह काम पूरा किया जाएगा, जिसके लिए विभिन्‍न नियमों में परिवर्तन किए जाएंगे. रेलगाडि़यों, स्‍टेशनों, कार्यालय भवनों और आवासीय परिसरों में समयबद्ध ढंग से 100 फीसदी एलईडी लाइटिंग और कम ऊर्जा खपत वाले उपकरण जैसे कि पंखे, एसी इत्‍यादि लगाए जाएंगे.

स्‍वास्‍थ्‍य एवं शैक्षणिक सुविधाओं का उन्‍नयन:

भारतीय रेलवे द्वारा संचालित विद्यालयों और अस्‍पतालों में बेहतर बुनियादी ढांचागत सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जाएंगी जिससे न केवल रेल कर्मचारीगण, बल्कि अन्‍य लोग भी लाभन्वित होंगे.

मानव संसाधन:

मानव संसाधन के कल्‍याण पर विशेष जोर दिया जा रहा है. शिकायत निवारण शिविर नियमित रूप से लगाए जा रहे हैं. कर्मचारियों की शिकायतें सुनने के लिए प्रत्‍येक क्षेत्रीय या प्रभागीय मुख्‍यालय में शिकायत निवारण प्रकोष्‍ठ स्‍थापित किए जा रहे हैं. बड़े पैमाने पर अधिकारों का विकेंद्रीकरण किया जा रहा है.प्रणाली की दक्षता बेहतर करने के लिए आक्रामक ढंग से प्रक्रियागत सुधार लागू किए जा रहे हैं.

Jagran Josh
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Education Desk

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