हाल ही में गैर-विषैली श्रेणी में एक जलीय सृप जलीय रबडप्स की खोज की गयी. यह खोज पश्चिमी घाट के उत्तरी क्षेत्र में की गयी. यह सांप महाराष्ट्र, गोवा एवं उत्तरी कर्नाटक में पाया जाता है.
इस सांप को 1863 से ओलिव वन साँप के रूप में जाना जाता था. ओलिव वन साँप का वर्णन 1863 में वायनाड जिले केरल के मनंतसावली से प्राप्त नमूने के आधार पर किया गया था. इस सांप को दुर्लभ श्रेणी में रखा गया था लेकिन कुछ समय बाद केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा और महाराष्ट्र के पश्चिमी घाट क्षेत्र में इसे देखे जाने की सूचना प्राप्त हुई थी.
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हालांकि नये अध्ययन के बाद यह साफ़ हो गया कि उत्तरी पश्चिमी घाट पर पाए गये इस सांप की जनसंख्या कुछ रूपात्मक पात्रों और रंगों में काफी भिन्न थी. हाल ही में पश्चिमी घाट के विभिन्न क्षेत्रों से एकत्र किए गए नमूनों द्वारा डीएनए और इसके आकार का विस्तृत अध्ययन किया गया. वैज्ञानिकों ने इस अध्ययन के निष्कर्ष को पत्रिका ज़ूतक्सिया में प्रकाशित किया गया.
मुख्य बिंदु
• नेशनल सेंटर फॉर बायोलॉजिकल साइंसेज (एनसीबीएस), बैंगलोर के वैज्ञानिकों ने इस सांप की प्रजाति की खोज की.
• जीनस रबडॉप्स के सांप, भारत के स्थानिक सृप हैं तथा दो प्रजातियां ओलिव फ़ॉरेस्ट रबाडॉप्स जैविक और बीयर रंग वाले वन साँप रबाडॉप्स बाइकोलर पहले से ज्ञात थे.
• पश्चिमी घाटों के स्थानिक साँपों में जैतून वनीय सृपों को देखा जाता है तथा भारत के पूर्वोत्तर भाग में कुछ इलाकों में इसे द्वि-रंगीय वन सर्प नाम से जाना जाता है.
• वैज्ञानिकों द्वारा खोजी गयी यह नई प्रजाति, रबडॉप्स एक्वैसिस, 'एक्वाटिक रबडॉप्स' अन्य दो प्रजातियों से भिन्न हैं.
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