केंद्र सरकार ने आधार की तरह आम जनता के आवासीय पता और व्यावसायिक पते (एड्रेस) को भी डिजिटल करके की शुरुआत कर दी है. इसके लिए केंद्र सरकार ने संचार मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले डाक विभाग को पायलट प्रॉजेक्ट हेतु दिशा निर्देश जरी किए हैं. डाक विभाग इस प्रक्रिया में डेटा शेयर कर मदद करेगा.
वर्तमान में देश में कई हिस्सों के एड्रेस का पता करना मुश्किल होता है. जल्द ही आपका आवासीय या प्रफेशनल एड्रेस डिजिटल हो जाएगा. इस प्रॉजेक्ट के तहत तीन पिन कोड लोकेशन वाली प्रॉपर्टी के लिए एक 6 अक्षरों वाला डिजिटल एड्रेस दिया जाएगा. यही लोगों के पते की पहचान बन जाएगा.
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उद्देश्य -
- विभिन्न एड्रेस के लिए ई-लोकेशन के आइडिया का उद्देश्य प्रॉपर्टी संबंधी विभिन्न प्रकार की जानकारियों से जोड़ना है. इससे प्रॉपर्टी टाइटल और मालिकाना हक, प्रॉपर्टी टैक्स रिकॉर्ड, बिजली, पानी और गैस जैसी चीजों के उपभोग की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी.
- डिजिटल एड्रेस ठीक वैसे ही कार्य करेगा जैसे आपकी व्यक्तिगत पहचान के लिए आधार कार्ड नंबर करता है. इस प्रॉजेक्ट की सफलता के साथ सरकार इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू कर सकती है.
- ई-लोकेशन (eLoc) पायलट प्रॉजेक्ट की मंजूरी दिल्ली और नोएडा को दो पोस्टल पिन कोड के लिए प्रदान की गई है. इसके बाद इसका राष्ट्रीय स्तर पर विस्तार किया जाएगा. डिजिटल पहचान के ई-अड्रेस का प्रयोग मौजूदा पोस्टल एड्रेस के लिए भी किया जा सकेगा. इस परियोजना का उद्देश्य डिजिटल एड्रेस सिस्टम के प्रभाव को दर्शाना भी है.
डिजिटल एड्रेस-
यदि किसी का एड्रेस 147, पॉकेट XX, 2A, जनकपुरी है तो इसका डिजिटल एड्रेस 8GDTYX कुछ इस तरह होगा. जो कि काफी छोटा और सरल है.
योजना के प्रमुख तथ्य-
- डाक विभाग ने निजी मैपिंग कंपनी 'मैपमाईइंडिया' को इस पायलट प्रॉजेक्ट की जिम्मेदारी प्रदान की है.
- 27 सितंबर 2017 को मैपमाईइंडिया को इस आशय का पत्र भेजा गया. यह पत्र अतिरिक्त डायरेक्टर जनरल (मेल ऑपरेशंस) अभिषेक कुमार सिंह ने भेजा है.
- आदेश के अनुसार 'इस योजना में जुटाए गए साक्ष्यों का प्रयोग डाक विभाग डिजिटल एड्रेस हेतु कर सकता है. यह राष्ट्रीय स्तर के लिए प्रॉजेक्ट के लिए भी उचित होगा. सभी तरह के डेटा डाक विभाग के पास रहेंगे और निजी कंपनी इसका व्यवसायिक इस्तेमाल नहीं कर पाएगी.
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मैपमाईइंडिया के एमडी राकेश वर्मा के अनुसार ई-लिंकेज के माध्यम से कॉम्प्लेक्स एड्रेस की पहचान करना आसान होगा और उसे अन्य सेवाओं से भी जोड़ा जा सकता है.
मैपमाईइंडिया के अनुसार उसने डिजिटल एड्रेस के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी और डेटा जुटाना शुरू हो चुका है. कंपनी इसरो और नैशनल सैटलाइट इमैजरी सर्विस 'भुवन' के सहयोग से प्रभावकारी मैपिंग करेगी.
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