प्रसिद्ध इतिहासकार प्रोफेसर ए वी नरसिम्हा मूर्ति को 17 अप्रैल 2017 को डॉ. पदुरु गुरुराज भट्ट पुरस्कार 2017 से सम्मानित किया गया.
मूर्ति को यह पुरस्कार केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा द्वारा प्रदान किया गया.
उनका चयन भारतीय पुरातत्व, प्राचीन इतिहास और सिक्कों में उल्लेखनीय योगदान के कारण किया गया. मूर्ति मैसूर स्थित भारतीय विद्या भवन (बीवीबी) के चेयरमैन हैं. वे मैसूर विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास और पुरातत्व विभाग के प्रमुख भी रह चुके हैं.
डॉ. पदुरु गुरुराज भट्ट
• वे एक शिक्षक, इतिहासकार और उत्कृष्ट शोधकर्ता थे.
• उन्होंने 20 वर्षों तक तुलु नाडु के इतिहास का अध्ययन किया. उन्होंने उडुपी तथा दक्षिण कन्नड़ क्षेत्र का भ्रमण करते हुए विभिन्न सांस्कृतिक उपलब्धियों के बारे में जानकारी हासिल की. वे शिलालेखों का अध्ययन करने के लिए विभिन्न मंदिरों एवं अन्य धार्मिक स्थानों पर भी गये.
• उन्हें तुलु नाडु को एक सांस्कृतिक पहचान दिलाने के लिए जाना जाता है.
• उनके व्यापक शोध के आधार पर 1975 में, स्टडीज इन तुलुवा:हिस्ट्री एंड कल्चर को प्रकाशित किया गया.
डॉ. पदुरु गुरुराज अवार्ड-2017
• इस पुरस्कार को 2010 में उडुपी के डॉ. पदुरु गुरुराज भट्ट मेमोरियल ट्रस्ट द्वारा आरंभ किया गया.
• इस पुरस्कार में एक प्रशस्ति पत्र तथा 50,000 रुपये दिए जाते हैं.
• यह पुरस्कार इतिहास, पुरातत्व, समाजशास्त्र और अन्य सामाजिक विज्ञानों के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान दिए जाने पर मिलता है.
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