भारत और अफगानिस्तान ने 11 सितम्बर 2017 को आतंकवाद के खिलाफ साझा लड़ाई के प्रति प्रतिबद्धता दोहराते हुए चार अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं. सुषमा स्वराज ने अफगानिस्तान के साथ कंधे से कंधा मिला कर चलने और हर तरह की मदद जारी रखने की घोषणा की.
भारत-अफगानिस्तान ने दवा निर्माण, स्वास्थ्य सेवाएं, वाहन एवं यातायात सहित कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आपसी सहयोग और बेहतर करने का फैसला लिया है. दिल्ली में विदेश मंत्रालय में आयोजित एक समारोह में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहाउद्दीन रब्बानी की उपस्थिति में इन समझौतों के दस्तावेजों का आदान-प्रदान हुआ.
अफगानिस्तान के विदेश मंत्री सलाहाउद्दीन रब्बानी तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आये हैं, जिसमें उनके साथ एक उच्च स्तरीय शिष्टमंडल भी भारत आया है. भारत अफगानिस्तान सामरिक गठजोड़ परिषद की बैठक की सह अध्यक्षता करने के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सलाहाउद्दीन रब्बानी ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान ने सुरक्षा सहयोग को और मजबूत बनाने पर सहमति व्यक्त की है.
गौरतलब है कि अफगानिस्तान को लेकर अमेरिका की नीति में आए बदलाव से चिंतित भारत नई रणनीति अपना रहा है. नाटो सैनिकों की विदाई के बाद भारत का ध्यान ऐसी स्थिति में वहां आतंकी संगठनों से निपटते हुए विकास कार्यों को अंजाम देने पर है. यही कारण है कि सलाहाउद्दीन रब्बानी की इस यात्रा को बेहद महत्व दिया जा रहा है.
अफगानिस्तान में भारत दो अरब डॉलर का सहायता कार्यक्रम चला रहा है. 116 नए उच्च प्रभाव विकास परियोजनाओं को संयुक्त रूप से कार्यान्वित किया जाएगा जो विशेष रूप से अफगानिस्तान के 31 प्रांतों में उपनगरीय और ग्रामीण समुदायों में सामाजिक-आर्थिक और अवसंरचना विकास लाएगा.
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