केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 30 अगस्त 2017 को भूकम्प से क्षतिग्रस्त हुए बागान पैगोडा, म्यांमार के अनुरक्षण हेतु भारत और म्यांमार के बीच सहमति-ज्ञापन (एमओयू) को मंजूरी दी. यह बैठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 6-7 सितम्बर 2017 के दौरान म्यांमार दौरे पर इस एमओयू पर हस्ताक्षर करेगें.
मुख्य तथ्य:
इस परियोजना के कार्यान्वयन से म्यांमार के साथ भारत के सांस्कृतिक और धार्मिक क्षेत्र के प्रयासों को और मज़बूती मिलेगी. इस परियोजना से म्यांमार के लोगों के बीच भारत की ख्याति में व्यापक इजाफा होगा क्योंकि इसका धार्मिक महत्व के साथ-साथ पर्यटक महत्व भी है.
इससे म्यांमार के साथ भारत की विकासात्मक साझेदारी में भी योगदान होगा. बागान म्यांमार का प्रमुख पर्यटन आकर्षण है. इससे स्मारकों की पुनर्बहाली और अनुरक्षण में भारत की विशेषज्ञता को प्रदर्शित करने का न केवल सुअवसर मिलेगा अपितु, म्यांमार के साथ-साथ अन्य देशों के पर्यटकों में भी भारत की साख बढ़ेगी.
भारत-म्यांमार सम्बन्ध:
भारत और म्यांमार दोनों पड़ोसी हैं. इनके संबन्ध अत्यन्त प्राचीन और गहरे हैं. भारत और म्यांमार की सीमाएं आपस में लगती हैं जिनकी लंबाई 1600 किमी से भी अधिक है तथा बंगाल की खाड़ी में एक समुद्री सीमा से भी दोनों देश जुड़े हुए हैं. भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी म्यांमार बहुत महत्वपूर्ण है. दोनों देशों ने सीमा क्षेत्र से बाहर प्रचालन करने वाले भारतीय विद्रोहियों से लड़ने के लिए वास्तविक समयानुसार आसूचना को साझा करने के लिए संधि की है. पड़ोसी देश होने के कारण भारत के लिए बर्मा का आर्थिक, राजनीतिक और रणनीतिक महत्व भी है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation