16 नवम्बर: अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस
अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस 16 नवम्बर 2017 को विश्वभर में मनाया गया. इस दिन को मनाने का उद्देश्य सौहार्दपूर्ण सहअस्तित्व बनाए रखने और विश्व में शांति तथा सामंजस्य कायम करने के लिए लोगों को सहनशील बनने की आवश्यकता के विषय में जागरूक बनाना है.
यह दिवस असहिष्णुता के खतरों की लोगों में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए मनाया जाता है. इस दिन दुनिया भर में अन्याय, पक्षपातपूर्ण भेदभाव और अत्याचार तथा समाज पर उनके दुष्प्रभावों पर वाद-विवाद तथा चर्चाएँ आयोजित की जाती हैं.
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वर्ष 1996 में, (51/95 नंबर के निर्णय) के द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 16 नवंबर को सहिष्णुता का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के सदस्य राज्यों को दोनों शैक्षिक संस्थानों की ओर निर्देशित गतिविधियों और व्यापक सार्वजनिकता के साथ आमंत्रित किया. यह दिन लोगों को वैश्विक सहिष्णुता का महत्व और असहिष्णुता के दुष्प्रभाव बताता है.
अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस:
• यूनेस्को द्वारा प्रत्येक वर्ष 16 नवम्बर को अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के रूप में मनाया जाता है.
• अंतरराष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस की स्थापना यूनेस्को ने वर्ष 1995 में की थी.
• वर्ष 1996 में संयुक्त राष्ट्र संघ ने 16 नवंबर को प्रतिवर्ष अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की.
• यूनेस्को ने वर्ष 1995 में महात्मा गांधी की 125 वीं जयंती के अवसर पर सहिष्णुता और अहिंसा को बढ़ावा देने हेतु ‘मदनजीत सिंह पुरस्कार’ की स्थापना की थी.
• यह पुरस्कार विज्ञान, कला, संस्कृति अथवा संचार के क्षेत्र में सहिष्णुता और अहिंसा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किए गए काम हेतु दिया जाता है.
• सहिष्णुता और अहिंसा को प्रोत्साहित करने के लिए हर दो वर्ष पर यह पुरस्कार व्यक्तियों या संस्थानों को प्रदान किया जाता है. इसमें पुरस्कार स्वरूप दस हजार डॉलर की राशि दी जाती है.
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