नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में 51वां अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया गया. यह दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है जिसके तहत विभिन्न जागरुकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं.
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस प्रतिवर्ष 08 सितंबर को पूरे विश्व में मनाया जाता है. इसके तहत यूनेस्को द्वारा घोषित विषय ‘डिजिटल दुनिया में साक्षरता’ के अंतर्गत कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में गणमान्य व्यक्तियों को सम्मानित किया गया. भारत में साक्षरता के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्यों, जिलों, ग्राम पंचायतों तथा गैर-सरकारी संगठनों को साक्षर भारत पुरस्कार प्रदान किए गये.
राष्ट्रीय साक्षरता मिशन प्राधिकरण वर्ष 1988 से अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाता है. स्वतंत्रता के बाद से निरक्षरता समाप्त करना भारत सरकार के लिए प्रमुख चिंता का विषय रहा है. अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर निरक्षरता समाप्त करने के लिए जन जागरुकता को बढ़ावा और प्रौढ़ शिक्षा कार्यक्रमों के पक्ष में वातावरण तैयार किया जाता है.
वर्ष 1996 से इस कार्यक्रम को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कुछ नए अवयव जोड़े गए हैं. वर्ष 1996 में कार्यक्रम 'मशाल मार्च' का आयोजन किया गया था जिसमें स्कूली छात्र और साक्षरता कार्यकर्ता शामिल हुए थे. इसके बाद के वर्षों में अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने के लिए राज्य साक्षरता मिशन प्राधिकरण (एसएलएमए) द्वारा साक्षरता कार्यकर्ताओं के लिए राज्य स्तर पर प्रतियोगिताएं (रंगोली, ड्राइंग आदि), जेएसएस उत्पादों (केआरआईटीआई) की प्रदर्शनी, अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन, संगोष्ठी, और सांस्कृ्तिक कार्यक्रमों जैसी कई गतिविधियां शामिल की गई हैं.
पृष्ठभूमि
वर्ष 1965 में इसी दिन तेहरान में विश्व कांग्रेस के शिक्षा मंत्रियों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा कार्यक्रम पर चर्चा करने के लिए पहली बार बैठक की थी. यूनेस्को ने नवंबर 1966 में अपने 14वें सत्र में 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस घोषित किया तभी से सदस्य देशों द्वारा प्रतिवर्ष 8 सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है. अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने का महत्वपूर्ण पहलू साक्षरता के खिलाफ संघर्ष के पक्ष में जनमत तैयार करना है.
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