पटना उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति पीके मिश्रा को 20 अप्रैल 2016 को गोवा का लोकायुक्त नियुक्त किया गया. इस संदर्भ में राज्य सरकार द्वारा निर्णय लिया गया.
गोवा के मुख्यमंत्री लक्ष्मीकांत पारेसकर ने मुंबई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एवं विपक्ष के नेता से स्वीकृति मिलने के पश्चात् लोकायुक्त अधिनियम 2013 के तहत यह घोषणा की.
इसके उपरांत राज्य सरकार जस्टिस मिश्रा का नाम गोवा की गवर्नर मृदुला सिन्हा के समक्ष नियुक्ति के लिए रखेगी.
मिश्रा हाल ही में गोवा राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष पद से सेवानिवृत्त हुए हैं. गोवा में अहम पद प्राप्त करने से पहले वे पटना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश पद से सेवानिवृत हुए.
पृष्ठभूमि
गोवा के लोकायुक्त का पद पिछले दो वर्ष से रिक्त था. गोवा के पहले लोकायुक्त जस्टिस (सेवानिवृत) सुदर्शन रेड्डी ने अपनी नियुक्ति के सात माह बाद अक्टूबर 2013 में पद से इस्तीफ़ा दे दिया था, तब से यह पद रिक्त था.
उनके इस्तीफे के बाद 21 केसों की जांच, कई अहम घोटालों एवं सरकारी पदों पर नियुक्ति संबंधी जांच लंबित है.
लोकायुक्त अधिनियम 2013 - लोकायुक्त की नियुक्ति
लोकायुक्त अधिनियम 2013 के अनुसार, राज्य का राज्यपाल लोकायुक्त को नियुक्त करने का अंतिम अधिकार रखता है. इसके लिए मुंबई उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और विपक्ष के नेता के परामर्श के बाद ही अंतिम निर्णय लिया जाएगा.
इसके अनुसार, लोकायुक्त पद पर नियुक्त किये जाने वाले वाले व्यक्ति सुप्रीम कोर्ट का जज रह चुका हो अथवा उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश रहा हो.
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